(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
महाराष्ट्र: 10वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द, इंटरनल असेसमेंट के आधार पर अगली क्लास में प्रमोट होंगे स्टूडेंट
महाराष्ट्र राज्य में भी कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 10वीं की बोर्ड की परीक्षा रद्द कर दी गई है. मंगलवार को सीएम उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में ये फैसला लिया गया है. वहीं 10वीं के छात्रों को अब इंटरनल असेसमेंट के आधार पर अगली क्लास में प्रमोट किया जाएगा.
महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच राज्य सरकार ने दसवीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया है. कैबिनेट बैठक के बाद सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि दसवीं कक्षा की परीक्षा नहीं होगी, इसके बजाय सभी छात्रों को ग्यारहवीं कक्षा में प्रमोट किया जाएगा. हालांकि, मूल्यांकन करने का निर्णय स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि कोविड की स्थिति में सुधार होते ही बारहवीं कक्षा की परीक्षा आयोजित की जाएगी.
इंटरनल असेसमेंट के आधार पर छात्र किए जाएंगे प्रमोट
इस बीच, स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने सोशल मीडिया पर कहा, "कोविड -19 महामारी की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए, महाराष्ट्र सरकार ने अब कक्षा 10 वीं के लिए राज्य बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है. छात्रों और शिक्षकों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
गायकवाड़ ने कहा है कि अन्य बोर्डों द्वारा की गई इसी तरह की घोषणाओं के बाद ये निर्णय लिया गया है. "हम इंटरनल असेसमेंट के आधार पर छात्रों को मार्क करने और जल्द ही इसकी घोषणा करने के लिए एक प्रक्रिया करेंगे. हम छात्रों को अगर वे चाहते हैं तो परीक्षा में शामिल होने का मौका देने पर भी विचार करेंगे. उसी के लिए डिटेल्स पर चर्चा की जाएगी और विशेषज्ञों के साथ काम किया जाएगा.
इंटरनल मार्किंग सिस्टम की निष्पक्षता पर सवाल
गौरतलब है कि जहां माता-पिता और शिक्षक इस खबर से खुश हैं तो वहीं, शिक्षाविद एक गंभीर वास्तविकता की ओर इशारा कर रहे हैं कि इंटरनल असेसमेंट के आधार पर अंक कई मामलों में संभव नहीं हो सकते हैं क्योंकि कई ऐसे छात्र हैं जो न तो ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हुए हैं और न ही पर्याप्त ऑफ़लाइन कक्षाएं उन्होंने ली हैं. इसके अलावा, छात्रों के लिए इस वर्ष कोई भी बेसलाइन टेस्ट या क्यूमलेटिल असेसमेंट नहीं किया गया था, इसलिए इंटरनल मार्किंग सिस्टम की निष्पक्षता के बारे में और सवाल उठ रहे हैं. दसवीं कक्षा के अंक ग्रामीण क्षेत्रों के कई छात्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं जो जूनियर कॉलेज प्रवेश के लिए शहरों की ओर पलायन करते हैं, जहां प्रसिद्ध कॉलेजों में कट-ऑफ अंक अधिक है.
ये भी पढ़ें
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI