Affordable Medical Education In Abroad: हमारे देश में मेडिकल की जितनी सीटें हैं उससे कहीं ज्यादा संख्या में हर साल कैंडिडेट्स नीट की परीक्षा देते हैं. हालांकि न सभी का सेलेक्शन होता है और न ही सभी एमबीबीएस ही करते हैं फिर भी डिमांड के मुताबिक सीटें बहुत कम हैं. ऐसे में एक बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स हर साल इंडिया के बाहर से ये डिग्री लेने के लिए निकल जाते हैं. बाहर कहां से एमबीबीएस करना आपकी जेब पर बोझ नहीं डालेगा, जानते हैं.


कितने स्टूडेंट जाते हैं बाहर


इस बारे में एग्जैक्ट संख्या नहीं कोट की जा सकती पर रिपोर्ट्स के मुताबिक हर साल करीब 25 हजार स्टूडेंट्स बाहर से एमबीबीएस करने के लिए एडमिशन लेते हैं. इस साल की नीट परीक्षा ही लें लें तो 24 लाख से ज्यादा बच्चों ने भाग लिया और एमबीबीएस की सीटें 10 लाख से कुछ अधिक हैं.


नीट है जरूरी


इस तरह बैचलर इन मेडिसिन और बैचलर इन सर्जरी प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए कई कैंडिडेट्स विदेश का रुख कर लेते हैं. हालांकि दूसरे देशों से एमबीबीएस करने के लिए भी नीट अनिवार्य है. ये नियम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने कुछ साल पहले लागू किया है. जानते हैं मेडिकल एजुकेशन के लिए कौन से देश चीप माने जाते हैं.


रशिया


यहां इंडिया से हर साल काफी स्टूडेंट्स जाते हैं, क्योंकि मेडिकल एजुकेशन सस्ती है. यहां पढ़ाई के साथ ही रहने का खर्च भी कम है. यहां हर साल की ट्यूशन फीस लगभग 3 लाख से 5 लाख है र रहने का खर्च 25 से 30 हजार रुपया महीना. कुल पढ़ाई साल की 5 से 8 लाख में होगी.


जॉर्जिया


यहां कॉस्ट इफेक्टिव एजुकेशन पाने के लिए हर साल बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स जाते हैं. स्कॉलरशिप और दूसरी फाइनेंशियल हेल्प भी मिल जाती है. ट्यूशन फीस साल की 3.75 लाख से लेकर 6.75 लाख तक हो सकती है. रहने का खर्च महीने के 30 से 40 हजार रुपये. कुल मिलाकर एक साल के 7 से 10 लाख रुपये लग सकते हैं.


उजबेकिस्तान


यहां की डिग्रियों को पूरे विश्व में मान्यता मिलती है. यहां का एनवायरमेंट भी पढ़ाई के लिए सेफ माना जाता है. एमबीबीएस के लिए ये स्टूडेंट्स की पहली पसंद बना रही है. यहां का एमबीबीएस ऊपर की दोनों कंट्रीज की तरह 6 साल का है. ट्यूशन फीस बाकी जगहों से सस्ती साल की ढ़ाई से चार लाख तक है. लिविंग कॉस्ट 20 से 30 हजार रुपये है. कुल मिलाकर साल के 5 से 8 लाख में पढ़ाई हो सकती है.


कजाकिस्तान


यहां की सुविधाएं और पांच साल का एमबीबीएस कैंडिडेट्स को आकर्षित करता है और बड़ी संख्या में उम्मीदवार यहां आते हैं. यहां पढ़ाई का साल का खर्च 3 से 5 लाख के आसपास है. वहीं लिविंग कॉस्ट 20 से 30 हजार के करीब है. कुल मिलाकर साल के 5 से 7 लाख रुपये खर्च करके यहां से एमबीबीएस किया जा सकता है.


इसी तरह जर्मनी से साल के 5 से 10 लाख में, फिलिपिन्स से साल के 15 से 22 लाख में, यूक्रेन से 15 से 20 लाख में और चाइना से 15 से 20 लाख रुपये सालाना में एमबीबीएस किया जा सकता है. 


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