क्या अमेरिका में भारत की तुलना में सस्ती MBBS हो सकती है? यह सवाल कई भारतीय छात्रों के मन में उठता है, जो विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने का सपना देखते हैं. लेकिन सच यह है कि अमेरिका में MBBS करना भारत की तुलना में न केवल महंगा है, बल्कि इसमें काफी चुनौतियां भी होती हैं. आइए जानते हैं...
अमेरिका में MBBS की संरचना
अमेरिका में MBBS की डिग्री नहीं होती बल्कि वहां मेडिकल की पढ़ाई को MD (Doctor of Medicine) कहा जाता है. इसके लिए छात्रों को पहले 4 साल का अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम पूरा करना होता है, जिसे 'प्री-मेड' कहा जाता है. इसके बाद ही वे मेडिकल स्कूल में दाखिला ले सकते हैं, जो कि 4 साल का होता है.
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अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई की लागत
अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई काफी महंगी होती है. एक औसत मेडिकल स्कूल में सालाना फीस 40,000 डॉलर से लेकर 60,000 डॉलर (करीब 33 से 50 लाख रुपये) हो सकती है. अगर पूरे कोर्स की बात करें, तो कुल लागत 2 से 3 करोड़ रुपये तक हो सकती है. इसके साथ ही, रहने और खाने-पीने का खर्च भी शामिल होता है, जो कि सालाना 15,000 डॉलर से 20,000 डॉलर तक जा सकता है. इस प्रकार, अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई भारत की तुलना में कई गुना महंगी है.
भारत में MBBS की लागत
भारत में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस अमेरिका की तुलना में बेहद कम होती है. सरकारी कॉलेजों में सालाना फीस 10,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक हो सकती है, जबकि प्राइवेट कॉलेजों में यह 10 से 20 लाख रुपये प्रति वर्ष तक हो सकती है. यानी भारत में MBBS की कुल लागत लगभग 5 से 10 लाख रुपये (सरकारी कॉलेज) और 50 लाख रुपये तक (प्राइवेट कॉलेज) हो सकती है.
अमेरिका में मेडिकल पढ़ाई की चुनौतियां
अमेरिका में मेडिकल स्कूलों में दाखिला पाना बेहद कठिन है. इसके लिए मेडिकल कॉलेज एडमिशन टेस्ट (MCAT) देना पड़ता है, जो काफी चुनौतीपूर्ण होता है. अमेरिका में प्रैक्टिस करने के लिए USMLE (United States Medical Licensing Examination) पास करना पड़ता है, जो कि तीन चरणों में होता है.मेडिकल की पढ़ाई और फिर प्रैक्टिस करने के लिए एक छात्र को लंबा वक्त लगता है.
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