हिमाचल प्रदेश में Covid-19 ड्यूटी कर रहे MBBS स्टूडेंट्स को 3000 रुपये इंसेंटिव मिलेगा प्रतिमाह
कोविड अस्पतालों में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को हिमाचल प्रदेश सरकार इंसेंटिव देगी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को इस बात की घोषणा की. बता दें कि पीएम मोदी ने भी मौजूदा हालात को देखते हुए मेडिकल इंटर्न से लेकर MBBS के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स और बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स को कोविड मरीजों की देखरेख और फोन पर कंसल्टेशन के लिए नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने मंगलवार को घोषणा की कि कोविड-19 अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों और पैरा मेडिकल कर्मचारियों को इस साल जून तक फाइनेंशियल इंसेंटिव मिलेगा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि चौथे और पांचवें वर्ष के एमबीबीएस स्टूडेंट्स, कॉन्ट्रेक्चुअल डॉक्टरों और जूनियर / वरिष्ठ रेजिडेंट्स को 3,000 रुपये प्रति माह प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी, जबकि नर्सिंग छात्रों, जनरल नर्सिंग और मिडवाइफ़री (जीएनएम) तृतीय वर्ष के छात्रों और कॉन्ट्रेक्चुअल लैब कर्मचारियों को 1,500 रुपये प्रति माह का प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में की गई घोषणा
जिले में कोरोना महामारी के मामलों में तेज वृद्धि के मद्देनजर बुलाई गई कांगड़ा के अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक के दौरान सीएम ने ये घोषणा की. बाद में दिन में, सीएम ने जिले के परौर में राधास्वामी सत्संग व्यास का दौरा किया और अधिकारियों को अगले 10 दिनों के भीतर 250 की एडिशनल बेड क्षमता बनाने का निर्देश दिया, जिसे धीरे-धीरे बढ़कर लगभग 1,000 बिस्तर किया जाएगा.
PM ने मेडिकल जरूरतों को पूरा करने के लिए कई फैसलों की दी थी मंजूरी
बता दें कि भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेडिकल स्टाफ की जरूरत को पूरा करने के लिए कई अहम फैसलों को मंजूरी दी है. इन फैसलों में मेडिकल इंटर्न से लेकर एमबीबीएस के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स और बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स को कोविड के मरीजों की देखरेख और फोन पर कंसल्टेशन के लिए नियुक्त करने की अनुमति दी गई है.
एनईईटी-पीजी एग्जाम भी टाला गया है
गौरतलब है कि काफी समय से स्वास्थ्य विशेषज्ञ और स्वास्थ्य मंत्री भी लगातार यही कह रहे थे कि महामारी की इस स्थिति में मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए फाईनल ईयर के छात्रों की मदद ली जानी चाहिए. बता दें कि फिलहाल एनईईटी-पीजी एग्जाम भी कम से कम चार महीनों के लिए स्थगित कर दिया गया है ताकि जो छात्र एमबीबीएस कर चुके हैं वे कोविड ड्यूटी कर सकें. परीक्षा के 31 अगस्त 2021 से पहले होने की कोई संभावना नहीं है. परीक्षा की नई तारीख घोषित होने के बाद स्टूडेंट्स को कम से कम 1 महीने का समय तैयारी पूरी करने के लिए दिया जाएगा. वहीं 100 दिन की कोविड ड्यूटी पूरी करने वाले मेडिकल कर्मचारियो को सरकारी नियुक्तियों में भी प्राथमिकता दी जाएगी.
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