General Knowledge: रेलवे स्टेशन पर क्यों लिखी जाती है समुद्र तल से ऊंचाई, जानें 3 बड़ी वजहें
Indian Railways से यात्रा करने वालों की नजर रेलवे प्लेटफॉर्म के बोर्ड पर जरूर गई होगी. मगर कम ही लोग होंगे, जिनका ध्यान समुद्र तल से ऊंचाई वाली जानकारी पर गया होगा.
Indian Railway Stations: रेलवे के प्लेटफॉर्म पर लगे पीले रंग के बड़े बोर्ड पर तीन भाषाओं- अंग्रेजी, हिन्दी और स्थानीय भाषा में उस स्टेशन का नाम बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा होता है. स्टेशन के नाम के ठीक नीचे उस जगह की समुद्र तल से ऊंचाई से संबंधित जानकारी भी लिखी होती है. क्या आपने सोचा है रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर इस सूचना का क्या काम?
क्या होता है Mean Sea Level?
समुद्र तल से ऊंचाई को Mean Sea Level कहा जाता है. दुनियाभर में समुद्र का लेवल एक समान होता है, इसलिए Altitude यानी ऊंचाई को सटीक तरीके से नापने के लिए समुद्र तल को आधार माना जाता है.
रेलवे स्टेशन पर MSL की जानकारी के पीछे हैं 3 कारण-
- शुरुआत में भारतीय रेल के स्टेशन बन रहे थे, तब समुद्र तल से ऊंचाई की जानकारी रेलवे स्टेशन बनाने और रेल लाइन बिछाने में सहायक होती थीं. इस जानकारी के आधार पर निर्माण से बाढ़ और हाई टाइड की संभावना कम की जाती थी.
- समुद्र से ऊंचाई की जानकारी के आधार पर संबंधित रेलवे स्टेशन के आस-पास भवन आदि के निर्माण को प्लान किया जाता था ताकि कोई हादसा ना हो.
- यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे स्टेशन पर इस जानकारी को लिखा जाता है. लोको पायलट यानी ट्रेन के चालक को दो स्टेशन के बीच ऊंचाई और गहराई का अंदाजा मिल जाता है जो ट्रेन की स्पीड बढ़ाने और घटाने में सहायक होती है.
हालांकि बेहतर तकनीक की वजह से अब मौसम, ट्रैफिक और समय के आधार पर ट्रेन की स्पीड पहले ही तय कर दी जाती है. यही वजह है कि नए रेलवे स्टेशन पर लगे बोर्ड में समुद्र तल से ऊंचाई की जानकारी नहीं लिखी जा रही है.
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