लाखों लोग प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपस्थित होते हैं, लेकिन कुछ ही इसे पास कर पाते हैं. एक चीज जो इन लोगों को अन्य उम्मीदवारों से अलग बनाती है, वह है 'मॉक्स'. मॉक का अर्थ है ओरिजनल एग्जाम के सभी नियमों का पालन करते हुए प्रैक्टिस के लिए एक परीक्षा को हल करना. ये मॉक टेस्ट एक्चुअल एग्जाम के लिए काफी मदद करते हैं. उम्मीदवार मॉक के जरिए अपनी परफॉर्मेंस को एनालाइज कर सकता है और एक्चुअल एग्जाम में उन्हीं गलतियों से बचने के लिए जरूरी चेंज कर सकता है. मॉक टेस्ट को सॉल्व करने से उम्मीदवारों को ये जानने में भी मदद मिलती है कि एक्चुअल परीक्षा कैसी होगी. यह आपको कई चीजों के बारे में भी आइडिया देता है जैसे कि पेपर पैटर्न, किस तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं, प्रश्नों का कठिनाई स्तर, और परीक्षा को पूरा करने में कितना समय लगता है.


बिना मॉक टेस्ट सॉल्व किए आप ये नहीं जान पाएंगे कि आपकी तैयारी कितनी अच्छी/बुरी है. आप मॉक ले सकते हैं और स्ट्रैटजी बना सकते हैं, अपने स्टडी शेड्यूल को प्लान कर सकते हैं और अपनी तैयारी को बेहतर बना सकते हैं. एक कहावत है ‘प्रैक्टिस मेक्स ए मैन परफेक्ट’.. और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मॉक ही है जो किसी भी उम्मीदवार और टॉपर के बीच अंतर करते हैं, तो चलिए यहां जानते हैं कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए मॉक टेस्ट क्यों जरूरी हो जाते हैं.


मॉक टेस्ट एक्चुअल परीक्षा के सिलेबस, पैटर्न की जानकारी देते हैं


मॉक एक्चुअल एग्जाम की तरह की ही परीक्षा होती है.  मॉक सॉल्व करने से आपको अंदाजा हो जाएगा कि एक्चुअल परीक्षा में किस तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं. मॉक आपको एक्चुअल परीक्षा के सिलेबस, पैटर्न और कठिनाई लेवल से परिचित कराते हैं.


मॉक से अपनी तैयारी और परफॉरमेंस का विश्लेषण कर सकते हैं


आपकी तैयारी कितनी प्रभावी है, इस बारे में मॉक से रिएलिटी चेक कर सके हैं.  मॉक्स आपको कॉन्सेप्ट्स को याद रखने में मदद करेंगे और उन चीजों को नहीं भूलने नहीं देंगे जिन्हें आपने सीखा है और जिनमें आपने महारत हासिल की है. हर बार मॉक सॉल्व करने से आपको सिलेबस को रिवाइज करने में भी मदद मिलेगी.


अलग-अलग स्ट्रैटजी को ट्राय और टेस्ट करने में मदद करता है


मॉक टेस्ट को सॉल्व कर आप कई तरह की स्ट्रैटजी की प्लानिंग कर सकते हैं और बेस्ट वन पर एक्चुअल एग्जाम के दौरान इम्पलीमेंट कर सकते हैं. मॉक आपको एग्जाम डे के लिए एक्सपेरिमेंट करने और अच्छी रणनीति बनाने का मौका देगा.


टाइम मैनेजमेंट में मदद करता है


हर दिन मॉक सॉल्व करने से आपको अंदाजा हो जाएगा कि आप कितने तेज या धीमे हैं. मॉक सॉल्व करने से आपको ये जानने में भी मदद मिलेगी कि किस सेक्शन के लिए आपको ज्यादा टाइम की जरूरत है और किस के लिए कम.  एक बार जब आप यह जान लेंगे , तो आप यह योजना बना सकते हैं किस सेक्शन को कितना टाइम देना है. इस स्ट्रैटजी से आप टाइम से अपना पूरा पेपर सॉल्व कर पाएंगे.  


जान पाएंगे कि किस सेक्शन पर ज्यादा फोकस करना है


एक बार जब आप कुछ मॉक हल कर लेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि कौन सा सेक्शन आपकी ताकत है और कौन सी कमजोरी है या यहां तक ​​कि किसी विशेष सेक्शन में कौन से विषय आसान हैं और कौन से कठिन हैं ये भी समझ पाएंगे. एक बार जब आप इसका अंदाजा लगा लेते हैं, तो आपको पता चल जाएगा कि किन सब्जेक्ट्स पर ज्यादा फोकस करना है.


प्री-एग्जाम नर्वसनेस को कम करता है


मॉक टेस्ट एक एक्चुअल परीक्षा की तरह हैं. इसलिए जब आप पर्याप्त मॉक हल करेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि एक्चुअल परीक्षा भी ऐसी ही होती है. जब आप ये जान जाएंगे तो एग्जाम से पहले वाली घबराहट से भी छुटकारा पा लेंगे. वहीं जब आप लगातार मॉक में अच्छा स्कोर करेंगे तो आपका विश्वास बढ़ जाएगा कि एक्चुअल एग्जाम में भी आप अच्छे मार्क्स ला सकते हैं.



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