Ministry of Education: शिक्षा मंत्रालय की ओर से कल तमाम घोषणाएं की गई हैं. जिसमें कहा गया है कि बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार आयोजित होंगी. दोनों में से जिस किसी भी परीक्षा में छात्रों के अधिक नंबर होंगे, उन्हें ही फाइनल अंक माना जाएगा. मंत्रालय के अनुसार नई शिक्षा नीति- 2020 के तहत बोर्ड परीक्षाओं के लिए नया ढांचा तैयार हुआ है. जिसके आधार पर अगले शिक्षा सत्र की किताबें भी तैयार की जाएंगी.


क्लास 9वीं और 10वीं के स्टूडेंट्स को तीन लैंग्वेज सब्जेक्ट पढ़ने होंगे, जिनमें से दो भारतीय भाषाओं पर केंद्रित होंगे. इसके अलावा 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को दो भाषाएं पढ़नी होंगी. इनमें से एक भारतीय भाषा होगी. अच्छी बात ये है कि विषयों के चुनाव को लेकर छात्र-छात्राओं को छूट प्रदान की गई है. अब स्ट्रीम के आधार पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा.


शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक 2024 सत्र के लिए पुस्तकों में भी बदलाव किया जा रहा है. अब किताबों में भारी-भरकम सिलेबस नहीं रखा जाएगा. साथ ही साथ किताबों की कीमत भी कम से कम रखी जाएंगी, इससे अभिभावकों को राहत मिलेगी. नया सिलेबस नई शिक्षा नीति के तहत तैयार हो रहा है.


वहीं, क्लास 6 से लेकर 8 के लिए एनसीएफ ने कहा है कि सामाजिक विज्ञान पाठ्यक्रम के लिए 20% सामग्री स्थानीय स्तर से होगी, 30% सामग्री क्षेत्रीय स्तर से होगी व 30% सामग्री राष्ट्रीय स्तर से होगी. जबकि 20% कंटेंट वैश्विक होगा.


बता दें कि साल में बोर्ड परीक्षा के दो बार आयोजन को लेकर कुछ बातें भी सामने आई हैं. जिसके अनुसार इस फैसले से विद्यार्थी अपनी तैयारी का मूल्यांकन खुद कर पाएंगे. साथ ही उन्हें एक ही सब्जेक्ट या उससे जुड़े तथ्यों को पूरे वर्ष याद रखने की जरूरत नहीं होगी. इस प्रक्रिया के लागू हो जाने के बाद छात्रों को महीनों तक कोचिंग लेने की जरूरत नहीं होगी. उम्मीद ये जताई जा रही है कि इससे विषयों के प्रति छात्रों की समझ व व्यावहारिक कौशल सशक्त होगा.


कंटेट लोड होगा कम


एनसीएफ का सुझाव है कि लॉन्ग टर्म में सभी बोर्ड को सेमेस्टर या टर्म बेस्ट सिस्टम अपनाना चाहिए, जहां छात्रों को सब्जेक्ट कंप्लीट करने के बाद टेस्ट किया जा सके. इससे छात्रों के ऊपर एक परीक्षा में होने वाला कंटेट लोड कम हो जाएगा.


छात्रों ने की सराहना


शिक्षा मंत्रालय के बोर्ड परीक्षा के साल में दो बार आयोजित कराए जाने के फैसले का स्टूडेंट्स ने स्वागत किया है. छात्रा अंशु ठेनुआ का कहना है कि ये निर्णय काफी अच्छा है. साल में दो बार बोर्ड एग्जाम होंगे, जिस एग्जाम में अच्छे नम्बर होंगे उन्हें फाइनल मार्क्स माना जाएगा.  


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