एक तरफ जहां इन दिनों देश का युवा रोजगार के लिए सड़कों पर लड़ाई लड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र और राज्य सरकारों में लाखों की संख्या में पद खाली हैं. इन खाली पदों पर बजट का हवाला देकर भर्ती नहीं की जाती है. सरकार के ही अकाड़ों के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकारों में 20 लाख से ज्यादा पद खाली हैं.


पिछले साल राज्यसभा में कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने एक सवाल के जवाब में बताया था कि केंद्र सरकार में 4,20,547 पद खाली हैं. बात अगर राज्यों की करें तो देशभर के स्कूलों में करीब 10 लाख टीचर के पद खाली हैं.


राज्यों में सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली पुलिस के हालात भी अच्छे नहीं हैं. देश भर में पुलिस विभाग में 5,49,025 पद खाली हैं. देश की 47 सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज में 6 हजार पद खाली हैं.


भले ही आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी की गिनती देश के सबसे बेहतर संस्थानों में होती हो, लेकिन नौकरी के मामले में इन संस्थानों की स्थिति खराब है. देश के इन टॉप शिक्षा संस्थानों में भी 6 हजार पद खाली हैं. देश के 363 राज्य विश्वविद्यालयों में 63 हजार से ज्यादा पद खाली हैं.


साथ ही देश के 36 हजार सरकारी हॉस्पिटल में 2 लाख से ज्यादा पद खाली हैं. हैरानी की बात है कि देश की सुरक्षा का जिम्मा जिस सेना के कंधों पर है वहां भी तकरीबन 55 हजार पद खाली हैं.


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