नई दिल्ली: अक्सर देखने को मिलता है कि डॉक्टर्स की हैंडराइटिंग बेहद खराब होती है. आप लाख कोशिशों के बाद भी उसे पढ़ नहीं सकते हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि डॉक्टरों की इतनी खराब लिखावट क्यों होती है? ऐसा ख्याल कभी न कभी आपके दिमाग में अवश्य आया होगा. ऐसा नहीं है कि सभी डॉक्टरों की हैंडराइटिंग हमेशा से खराब होती है. लकिन वह क्यों खराब हो जाती है इसके पीछे की वजह आज हम आपको बताएंगे.
लंबा और तनावपूर्ण दिन
एक दिन में डॉक्टरों को कभी-कभी 50 से अधिक मरीजों का इलाज करना पड़ता है. उनकी बीमारियों को सुनकर और सारी बातों को ध्यान में रखते हुए, सभी को सही दवाईयां देनी होती है. इसके साथ ही उनकी दवाई और उनकी बीमारी के बारे में पर्ची पर लिखना होता है. कई बार डॉक्टरों को इमरजेंसी मामलों को भी देखना होता है. थकान और तनावपूर्ण दिन का असर डॉक्टरों की हैंडराइटिंग पर देखने को मिलता है.
उन्हें काफी लिखना होता है
आप सोचते होंगे कि डॉक्टरों को केवल आपकी दवाई के बारे में लिखना है, तो यह सही नहीं है. डॉक्टरों को अपने पूरे जीवन में किसी भी अन्य नौकरी की तुलना में बहुत अधिक लिखना पड़ना है. तेजी से लिखने की कोशिश में हैंडराइटिंग वैसी नहीं बन पाती है जैसी होनी चाहिए.
डॉक्टर तेजी से करते हैं काम
यदि डॉक्टरों के पास हर मरीज के साथ बिताने के लिए पर्याप्त समय हो तो वह अपने हाथों को थोड़ा आराम दे सकते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि डॉक्टरों को ज्यादातर एक मरीज के बाद तुरंत दूसरे मरीज को देखना पड़ता है. जिस वजह से उन्हें टाइम नहीं मिल पाता है.
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