(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
IIT JEE Advance Results: जेईई एडवांस 2021 में मृदुल अग्रवाल ने किया टॉप, 96.66% स्कोर कर रचा इतिहास
JEE Advanced 2021 Toppers: IIT-JEE एंट्रेंस एग्जामिनेशन में अब तक का हाईएस्ट स्कोर कर जयपुर के मृदुल अग्रवाल ने इतिहास रच दिया है. उन्होंने परीक्षा में 96.66 फीसदी अंक हासिल कर टॉप किया है.
JEE Advanced 2021 Topper Mridul Agarwal: ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन एडवांस (JEE Advanced) 2021 का परिणाम घोषित कर दिया गया है और टॉपर्स की लिस्ट भी जारी कर दी गई है. जयपुर के मृदुल अग्रवाल ने परीक्षा तो टॉप की ही है, इसी के साथ उन्होंने IIT-JEE एंट्रेंस एग्जामिनेशन में अब तक का हाईएस्ट स्कोर कर हिस्ट्री भी क्रिएट कर दी है. परीक्षा में 360 में से 348 अंकों के साथ मृदुल ने 96.66 फीसदी अंकों के साथ टॉप किया है.
यह 2011 के बाद से JEE एडवांस परीक्षा में किसी छात्र द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे हाईएस्ट स्कोर है. पिछले एक दशक में हाईएस्ट स्कोर 96 रहा है, जो वर्ष 2012 में था जब टॉपर ने कुल 401 में से 385 स्कोर किया था. 2020 में JEE Advance परीक्षा 396 मार्क्स की थी और हाईएस्ट स्कोर 352 था, जो लगभग 88.88 प्रतिशत है.
JEE एडवांस टॉपर मृदुल ने JEE मेन 2021 परीक्षा में भी टॉप किया था
साल 2021 के JEE एडवांस टॉपर बने मृदुल अपनी सफलता से काफी उत्साहित हैं. उन्होंने जेईई मेन 2021 की परीक्षा में भी टॉप किया था और सेशन 1 और सेशन 2 में परफेक्ट 300 अंकों के साथ 100 पर्सेंटाइल हासिल किया था. वहीं बेटे की एक के बाद एक उपलब्धि पर माता-पिता भी बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं. मृदुल के पिता प्रदीप अग्रवाल एक प्राइवेट कंपनी में फाइनेंस हेड हैं और उनकी मां पूजा अग्रवाल एक गृहिणी हैं. मृदुल का छोटा भाई सातवीं कक्षा में पढ़ता है.
JEE एडवांस टॉपर मृदुल अग्रवाल की सफलता का मंत्र
काफी होशियार और पढ़ाई में तेज मृदुल ने फिजिक्स और केमिस्ट्री के लिए एक इंटरेस्ट डेवलप किया और इन्ही सब्जेक्ट्स में आगे बढ़ने का फैसला किया. मेधावी छात्र, मृदुल IIT-JEE को क्रैक करने के लिए दृढ़ संकल्प थे और उनका शुरू से यही लक्ष्य था कि वह IIT बॉम्बे में जगह पाएं. उन्होंने 10वीं कक्षा और 12वीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में 98.2% अंक प्राप्त किए थे.
मृदुल ने दिन में 12 से 14 घंटे पढ़ाई की
सफलता हासिल करने के लिए मृदुल दिन में लगभग 12-14 घंटे पढ़ाई करते थे. इसमें कोचिंग के साथ-साथ 6 से 8 घंटे की सेल्फ स्टडी भी शामिल थी. कोरोना महामारी काल में मृदुल ने अपनी तैयारी पर पूरी तर फोकस रखा और समय का सदुपयोग किया. वह कहते हैं कि उन्होंने स्टडी के लिए समय सीमा को और बढ़ाया. इस दौरान ऑनलाइन क्लासेज ने भी उनकी मदद की और अन्य स्टूडेंट्स से बातचीत करने से उन्हें उनकी कंफ्यूजन को दूर करने में मदद मिली. उसी का नतीजा है कि उन्हें जेईई एडवांस में सफलता मिली है. मृदुल आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करना चाहता है और ग्रेजुएट होने के बाद अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहता है. अपनी सफलता का श्रेय वह अपने परिवार और शिक्षकों को समान रूप से देते हैं.
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