National Youth Day: स्वामी जी के विचारों को दिनचर्या में उतार कर प्रगति के मार्ग पर चल सकते हैं युवा
Youth Day: स्वामी विवेकानंद हर भारतीय युवा के लिए प्रेरणा हैं. जो अपने जीवन में कुछ कर गुजरने की इच्छा शक्ति रखते हैं.
Swami Vivekananda Jayanti: स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) की जयंती पर पूरा देश उनको नमन कर रहा है. साथ ही उनकी जयंती को पूरे भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के रूप में मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद अपनी हाजिर जवाबी और अपने ज्ञान को लेकर पूरी दुनिया में जाने जाते थे. स्वामी विवेकानंद आज करोड़ों भारतीय युवाओं (Youth) के लिए प्रेरणा हैं. स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को आगे ले जाने के लिए युवाओं को स्वयं के अंदर नैतिकता और समाज के प्रति समर्पण का भाव उत्पन्न करने की जरूरत है. उनके विचारों को दिनचर्या में अपना कर युवा प्रगति के मार्ग पर चल सकते हैं.
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था. उनका जन्म स्थान कोलकाता (Kolkata) है. उनका असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, स्वामी विवेकानंद वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे. बेहद कम उम्र से ही उनकी अध्यात्म में रुचि थी. जिसके चलते उन्होंने महज 25 वर्ष की उम्र में ही सांसारिक मोह माया त्याग दिया था और संन्यासी बन गए थे. 1897 में कोलकाता में स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की. वर्ष 1898 में गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना भी की गई थी.
अगर हम इतिहास की बात करें तो स्वामी जी सदैव एक सवाल किया करते थे, क्या आपने भगवान को देखा है? इस प्रश्न का सही उत्तर उन्हें किसी के पास नहीं मिला. लेकिन एक बार उन्होंने रामकृष्ण परमहंस जी से यही सवाल पूछा था. इस पर उन्होंने जवाब दिया था कि हां मुझे भगवान उतने ही स्पष्ट दिख रहे हैं, जितना की तुम दिख रहे हो, लेकिन मैं उन्हें तुमसे ज्यादा गहराई से महसूस कर पा रहा हूं. उन्हें एक ऑलराउंडर (All Rounder) के रूप में जाना जाता है. धर्म, दर्शन, इतिहास, कला, सामाजिक विज्ञान, साहित्य के स्वामी जी ज्ञाता थे. भारतीय शास्त्रीय संगीत (Indian Classical Music) का भी उन्हें काफी ज्ञान था, इसके साथ ही वह एक अच्छे खिलाड़ी भी थे.
UKSSSC Recruitment 2022: ग्रेजुएट्स के लिए मत्स्य निरीक्षक के पदों पर भर्तियां, जानें कैसे मिलेगी यह नौकरी और शानदार सैलरी
धर्म संसद में बजी थी तालियां
एक बार अमेरिका (America) में आयोजित धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद शामिल हुए, जहां उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत हिंदी (Hindi) में ये कहकर की कि 'अमेरिका के भाइयों और बहनों' उनके भाषण पर आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में काफी देर तक तालियां बजती रहीं. जो हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक पल था. स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को युवाओं के लिए समर्पित 1984 में किया गया था. उन दिनों भारत सरकार ने कहा था कि स्वामी विवेकानंद का दर्शन, आदर्श और काम करने का तरीका भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा स्वरुप है. तभी से स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप मनाया जा रहा है. इस अवसर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
IARI Recruitment 2022: इन पदों पर भर्ती के लिए बढ़ी आवेदन की आखिरी तारीख, 10वीं पास जल्द करें अप्लाई
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI