राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीईआरटी लगातार अपनी किताबों में बदलाव कर रहा है. साथ ही एनसीईआरटी की ओर से लगातार किताबों को तैयार करने का काम भी किया जा रहा है. एनसीईआरटी ने छठी क्लास की इंग्लिश के बाद अब हिंदी की किताब तैयार कर के पब्लिश कर दी है. इस पुस्तक को 'मल्हार' नाम प्रदान किया गया है. एनईपी 2020 के प्रस्तावों पर आधारित इस किताब में कुल 13 चैप्टर को शामिल किया गया है.


इस किताब के प्रत्येक चैप्टर में भारत की परंपरा और संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है. किताब में देश का नाम आसमान तक ले जाने वाली हस्तियों की आत्मकथा के कुछ अंश किताब में दिए गए हैं. इस पुस्तक के आखिर में नए शब्दों की जानकारी छात्रों को मिले वह दिए गए हैं.  किताब का कवर पेज भी काफी आकर्षक बनाया गया है. किताब के कवर पर


एनसीईआरटी के डायरेक्टर दिनेश प्रसाद सकलानी का कहना है कि मल्हार पुस्तक में साहित्य की प्रमुख विधाएं शामिल हैं. इसमें देशभक्ति, पर्यावरण, विज्ञान, कला, इतिहास, खेल और भारतीय समाज के अनुभवों पर आधारित रचनाएं हैं. पुस्तक में संवादात्मक शैली का प्रयोग किया गया है ताकि छात्र विषयों को आसानी से समझ सकें. प्रत्येक प्रश्न के साथ एक चित्रात्मक संकेत दिया गया है जो छात्रों को यह समझने में मदद करता है कि उन्हें क्या करना है.


कई पाठ शामिल


मल्हार पाठ्यपुस्तक में परीक्षा से बाहर की अतिरिक्त रचनाएं हैं, जिसमें भारतीय ब्रेल लिपि 'भारती' का परिचय और तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती की कविता का अनुवाद शामिल है. यह किताब भारतीय संस्कृति और परंपरा को उजागर करती है. मातृभूमि पाठ में भारत के इतिहास, भूगोल और विशेषताओं का वर्णन है. गोल पाठ में मेजर ध्यानचंद की आत्मकथा से भारतीय हॉकी टीम की बर्लिन ओलंपिक जीत का वर्णन है.


मेरी मां पाठ में रामप्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीरों के जीवन से रूबरू होने का अवसर मिलेगा. जगदीश चंद्र बसु का लिखा "पेड़ की बात" पेड़-पौधों और उनके जीवों से संबंध को बताता है. किताब में सूरदास और रहीम की रचनाएँ भी शामिल हैं और चित्रों और ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया गया है.


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