NCPCR Asks Educational Institutions To Ensure Children Safety During Online Classes: नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) ने सभी राज्यों को एडवाइज़री इश्यू की है, जिसमें उनसे आग्रह किया गया है कि लॉकडाउन की वजह से हो रही ऑनलाइन क्लासेस के दौरान बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट अथवा स्कूल की होगी. एनसीपीसीआर ने सभी राज्यों के सभी स्कूलों के एजुकेशनल डिपार्टमेंट्स को निर्देश दिये हैं कि ऑनलाइन क्लासेस के दौरान चाइल्ड सेफ्टी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. इस बात का ध्यान रखा जाये कि उनके साथ किसी प्रकार का एब्यूज़, हैरसमेंट अथवा वॉयलेशन न होने पाये.
डिजिटल वर्ल्ड में बच्चों को रखें सुरक्षित –
एनसीपीसीआर ने अपने निर्देशों में कहा कि स्कूल/ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस सभी सेफ्टी मेजर्स का पालन करें जो बच्चों की सुरक्षा के लिये जरूरी हैं. कोई भी पर्टिकुलर ऐप इस्तेमाल करते समय क्या करना है और क्या नहीं यह भी बच्चों को सिखायें. उनका आगे कहना है कि वर्चुअल क्लासेस पैरेंट्स के सुपरविज़न में करायी जायें और इस बाबत स्कूल अभिभावकों से बात करें.
इन बातों का रखें ध्यान –
ऑनलाइन क्लासेस कंडक्ट कराते समय इंस्टीट्यूट इस बात का ध्यान रखें कि बच्चों के नाम से लॉगिन आईडी न बनायें. वर्चुअल क्लास या टीर्चस से इंटरेक्शन होते समय शिक्षक इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे गेस्ट के तौर पर ही लॉगिन करें और इस वर्चुअल क्सालरूम का पूरा कंट्रोल टीचर के हाथ में रहे ताकि स्टूडेंट्स को किसी भी प्रकार की साइबर बुलिंग या एब्यूज में फंसने से बचाया जा सके.
यही नहीं एनसीपीसीआर ने यह चेतावनी भी दी कि अगर कोई भी शैक्षणिक संस्था बच्चों की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लेती है या उसके साथ खिलवाड़ करती है तो उसके खिलाफ जुविनियल जस्टिस एक्ट के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही की जाएगी. दरअसल इस समय लॉकडाउन की वजह से बहुत बड़ी आबादी घरों में बंद है और स्टूडेंट्स के पास ऑनलाइन क्लासेस के अलावा कोई चारा नहीं बचा है. बहुत सारे स्टूडेंट्स वर्चुअल क्लास ले रहे हैं, ऐसे में उनकी सेफ्टी की चिंता होना लाजिमी है.
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