NEET 2024 Hearing Today In Supreme Court: नीट यूजी मामले में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज फिर से सुनवाई करेगा. कुछ ही देर में प्रक्रिया शुरू होने वाली है. इस बीच डीएसएसएसबी की एक भर्ती परीक्षा का जिक्र भी जोर पकड़ रहा है. लोग एक पुराने केस को याद कर रहे हैं जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने का फैसला सुनाया था. इस फैसले ने सुर्खियां इसलिए भी बटोरी थी क्योंकि ये हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध आया था. जहां हाईकोर्ट ने परीक्षा कैंसिल करने से इंकार कर दिया था, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एग्जाम रद्द करने का फैसला सुनाया.


क्या था मामला


इसा मामले की जड़ में जाएं तो साल 2009 में डीएसएसएसबी ने एक विज्ञापन जारी किया और 231 हेड क्लर्क पद पर भर्ती निकाली. इसके लिए करीब 62 हजार कैंडिडेट्स ने अप्लाई किया था और 61 हजार के आसपास को पात्र पाया गया था.


टियर वन परीक्षा के नतीजे 21 अक्टूब 2014 के आए और कुल 2415 कैंडिडेट शॉर्टलिस्ट हुए. टियर टू एग्जाम 29 मार्च 2015 को आयोजित हुआ और नतीजे 15 जुलाई 2015 को आए. 22 अगस्त 2015 को परीक्षा में गंभीर गड़बड़ियों की शिकायत हुआ और सीएम ऑफिस ने जांच बैठायी.


कुछ कैंडिडेट्स ने की ये शिकायत


डिप्टी सीएम ने उसी समय परीक्षा कैंसिल करने का आदेश दे दिया था. तभी 6 कैंडिडेट्स ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल से संपर्क साधा और ये कहा कि परीक्षा कैंसिल करने की कोशिश वे कैंडिडेट्स कर रहे हैं जो एग्जाम में सफल नहीं हुए हैं. 2017 में ट्रिब्यूनल ने डिप्टी सीएम के आदेश को रद्द कर दिया.


हाईकोर्ट ने बरकरार रखा फैसला


इसके बाद डीएसएसएसबी और जीएनसीटीडी को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने का मौका मिला. दिल्ली हाईकोर्ट में अपने फैसले में ट्रिब्यूनल के फैसले से इत्तेफाक जताया और परीक्षा रद्द न करने के निर्णय को ठीक बताया था.


सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला


पूरे मामला सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर गड़बड़ियां पायी और परीक्षा कैंसिल कर दी. कोर्ट का कहना था कि परीक्षा पर से कैंडिडेट्स का भरोसा उठना नहीं चाहिए. इस एग्जाम में जो कुछ चीजें सामने आयी जैसे एक ही जोन से बहुत सारे कैंडिडेट्स का सेलेक्शन, पूरी प्रक्रिया में पांच साल का समय लगना, एडमिट कार्ड केवल इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से जारी होना, आवेदनों की तुलना में बहुत कम संख्या में कैंडिडेट्स का सेलेक्शन होना. इन सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साल 2021 में डीएसएसएसबी हेड क्लर्क परीक्षा रद्द करने का फैसला सुनाया था.


देखना ये है कि नीट मामले में सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला लेती है. ऊपर बताया गया मामला 63 हजार कैंडिडेट्स का था और नीट में 24 लाख उम्मीदवार शामिल हैं. इसके साथ ही जल्द फैसला नहीं आता है तो काउंसलिंग की प्रक्रिया भी प्रभावित होगी. 


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