(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
NEET के खिलाफ इन दो राज्यों में खुला मोर्चा, इस राज्य ने पास किया पेपर लीक के खिलाफ बिल
सुप्रीम कोर्ट ने NEET परीक्षा रद्द करने से इनकार किया है. तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल ने पुरानी मेडिकल प्रवेश प्रणाली बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया है.
नीट यूजी एग्जाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने इस एग्जाम को रद्द करने से इंकार कर दिया है. लेकिन अब तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया है. दोनों ही प्रदेशों का कहना है कि वह मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के लिए पुरानी व्यवस्था चाहते हैं. वहीं, बिहार विधानसभा में एंटी पेपर लीक बिल पास हुआ है.
तमिलनाडु में पहले ही विरोध
सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी परीक्षा को दोबारा करवाने से इनकार कर दिया. पूरे देश में पेपर लीक के पर्याप्त सबूत नहीं मिले. इसलिए एग्जाम को दोबारा आयोजित करवाने की जरूरत नहीं है. बीते दिनों तमिलनाडु विधानसभा ने केंद्र सरकार से नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) को खत्म करने और मेडिकल प्रवेश के लिए बारहवीं की मार्क्स के आधार पर राज्य स्तरीय प्रणाली को बहाल करने का आग्रह करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था. सीएम स्टालिन ने NEET को खत्म करने का प्रस्ताव रखा क्योंकि उनका मानना है कि यह ग्रामीण और गरीब छात्रों के डॉक्टर बनने के सपनों को तोड़ रहा है.
पश्चिम बंगाल नीट के खिलाफ प्रस्ताव
अब बंगाल ने भी इसी तरह के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. प्रस्ताव में कहा गया है कि एग्जाम में धांधली हुई थी. पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य को नीट परीक्षा से बाहर रखने की मांग की है. दोनों राज्यों की सरकारों का कहना है कि वह मेडिकल प्रवेश परीक्षा में पुरानी व्यवस्था को ही लागू रखना चाहती हैं. वेस्ट बंगाल में ये प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पारित किया है. राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्या बसु का कहना है कि जब इन एग्जाम को केंद्र सरकार को सौंपा गया था, तब ये संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने वाला कदम था. इसका विरोध भी किया गया था.
बिहार में एंटी पेपर लीक बिल
बिहार में अब किसी भी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने पर 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही दोषियों की संपत्ति भी जब्त की जा सकती है. यह प्रावधान बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक में किया गया है, जिसे हाल ही में पारित किया गया है. अब राज्य सरकार की सभी परीक्षाओं में पेपर लीक होने पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा. पेपर लीक के मामलों की जांच अब डीएसपी रैंक के अधिकारी करेंगे.
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