सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी 2024 मामले में कहा कि परीक्षा में कोई व्यवस्थागत उल्लंघन नहीं हुआ है. पेपर लीक सिर्फ पटना और हजारीबाग तक सीमित था. केंद्र द्वारा गठित समिति परीक्षा प्रणाली की साइबर सुरक्षा में संभावित कमजोरियों की पहचान करेगी और जांच बढ़ाने की प्रक्रिया, परीक्षा केंद्रों की सीसीटीवी निगरानी के लिए तकनीकी प्रगति के लिए एसओपी तैयार करेगी. इसके अलावा कोर्ट ने एजेंसी के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों को लेकर पूर्व इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में केंद्र की तरफ से नियुक्त समिति के दायरे का भी विस्तार किया है. 


मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि हमने कहा है कि एनटीए को अब इस मामले में अपने उलट-फेरों से बचना चाहिए. एनटीए के ये उलट-फेर स्टूडेंट्स के लिए अच्छा नहीं है. कोर्ट ने एनटीए से परीक्षा केंद्र बदलने की अनुमति देने और नए पंजीकरण की इजाज़त देने के लिए एक पिछले दरवाजे खोलने के लिए सवाल किया. मुख्य न्यायाधीश ने एनटीए के 1563 छात्रों को गलत प्रश्न पत्र दिए जाने के कारण हुए समय के नुकसान की भरपाई के लिए ग्रेस मार्क्स देने के फैसले पर भी सवाल खड़े किए.


प्वाइंट्स में समझें जरूरी बातें



  • NEET 2024 में एक सवाल को लेकर विवाद हुआ था. इसमें NTA ने दो उत्तरों को सही माना गया था. बाद में IIT दिल्ली की एक विशेषज्ञ पैनल ने केवल एक ही सही जवाब होने की पुष्टि की.

  • एजेंसी के फैसले के कारण 44 छात्रों को पूरे 720 अंक मिले.

  • कोर्ट ने एजेंसी की इस गलती की आलोचना की और विशेषज्ञ समिति को नतीजे सुधारने का निर्देश दिया.

  • केंद्र सरकार की तरफ से 22 जून को परीक्षा प्रक्रिया को मजबूत बनाने के उपायों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था.

  • कोर्ट ने समिति को परीक्षा प्रक्रिया में सुरक्षा व्यवस्था, रजिस्ट्रेशन, परीक्षा केंद्रों में बदलाव, OMR शीट की सीलिंग और स्टोरेज आदि के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने का निर्देश दिया.

  • परीक्षा केंद्रों के आवंटन, सीसीटीवी निगरानी, पेपर प्रिंटिंग और परिवहन, सुरक्षित वाहनों का उपयोग, पहचान जांच, नकल रोकने के तकनीकी उपाय आदि पर विचार करने को कहा गया.

  • समिति को 30 सितंबर, 2024 तक रिपोर्ट तैयार करनी है. शिक्षा मंत्रालय को एक महीने में कार्यक्रम तैयार करना होगा और फिर दो सप्ताह बाद अदालत को सूचित करना होगा.

  • कोर्ट ने पेपर लीक और गड़बड़ी के आरोपों पर NEET 2024 रद्द करने की याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि परीक्षा रद्द करने से 23 लाख से अधिक छात्र प्रभावित होंगे और अकादमिक कैलेंडर बिगड़ जाएगा.


गौर करने वाली बातें 


  • हजारीबाग और पटना में NEET-UG 2024 पेपर लीक हुआ था.

  • सीबीआई की शुरुआती जांच में पाया गया कि हजारीबाग और पटना के लगभग 155 छात्रों को इस घोटाले का लाभ मिला हो सकता है.

  • सीबीआई की जांच पूरी नहीं हुई है, अदालत ने सरकार से पूछा कि क्या 571 शहरों के परिणामों में कोई असामान्यता पाई गई है.

  • सरकार ने आईआईटी मद्रास की एक रिपोर्ट पेश की.

  • कोर्ट ने पाया कि मौजूदा सबूतों से यह साबित नहीं होता कि परीक्षा में व्यापक स्तर पर पेपर लीक हुआ हो.

  • कोर्ट ने कहा कि भविष्य में अगर जांच में और अधिक लाभार्थी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


​सुनवाई की जरूरी बातें



  • एग्जाम में कुल 180 सवाल हैं, प्रत्येक सवाल 4 अंक का है, जिससे कुल 720 अंक बनते हैं. गलत जवाब के लिए एक अंक काट लिया जाता है.

  • क्वालीफाई करने के लिए 50वीं परसेंटाइल निर्धारित की गई है, जो कि 720 में से 164 अंक है. जिन उम्मीदवारों ने कम से कम 164 अंक प्राप्त किए हैं, वे प्रवेश के लिए योग्य माने जाते हैं.

  • याचिकाकर्ताओं ने कहा कि पेपर लीक व्यापक पैमाने पर हुआ था और परीक्षा की व्यवस्था में खामियां हैं.

  • केंद्र सरकार और एजेंसी ने कहा कि पेपर लीक सीमित क्षेत्र में हुआ था और लाभार्थियों की पहचान की जा सकती है.


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