(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
NEET परीक्षा तमिलनाडु को आजादी से पहले के समय में ले जाएगी-ए के राजन समिति
तमिलनाडु में NEET को लेकर राजन समिति की रिपोर्ट सोमवार को सार्वजनिक की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर नीट जारी रहता है तो इससे तमिलनाडु के हेल्थ केयर सिस्टम पर काफी असर होगा.
तमिलनाडु में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) का वंचित वर्ग के छात्रों पर पड़ने वाले प्रभाव के अध्ययन के लिए गठित न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ए के राजन समिति ने कहा है कि यह परीक्षा राज्य को स्वतंत्रता से पहले के समय में ले जाएगी.
समिति ने कहा कि सरकार को कानूनी और विधि सम्मत प्रक्रिया अपनाते हुए इसे हर स्तर पर समाप्त कर देना चाहिए. राज्य सरकार को पहले सौंपी गई समिति की रिपोर्ट सोमवार को सार्वजनिक की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार मेडिकल एजुकेशन के लिए NEET की अनिवार्यता को समाप्त करने के लिए वैकल्पिक तौर पर एक कानून बना सकती है और उस पर राष्ट्रपति की स्वीकृति ले सकती है.
राजन समिति की रिपोर्ट सोमवार को की गई थी सार्वजनिक
बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEE) के प्रभाव पर पूर्व न्यायमूर्ति एके राजन समिति की सिफारिशें सार्वजनिक कर दीं. 165 पन्नों की रिपोर्ट 14 जुलाई को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को सौंपी गई थी और एके राजन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रिपोर्ट में मुख्य रूप से NEET के अंकों के आधार पर मेडिकल उम्मीदवारों के चयन को रद्द करने का सुझाव दिया गया है.
NEET जारी रहने से तमिलनाडु का हेल्थ केयर सिस्टम होगा प्रभावित
एबीपी लाइव द्वारा एक्सेस किए गए सार्वजनिक रूप से बनाए गए डॉक्यूमेंट्स में सोमवार को कहा गया, “अगर नीट कुछ और वर्षों तक जारी रहता है, तो तमिलनाडु का हेल्थ केयर सिस्टम बहुत बुरी तरह प्रभावित होगा. विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात होने के लिए पर्याप्त डॉक्टर नहीं हो सकते हैं. सरकारी अस्पतालों में नियोजित होने के लिए पर्याप्त विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हो सकते हैं. ”
इतना ही नहीं ग्रामीण और शहरी गरीब मेडिकल कोर्सेज में शामिल नहीं हो पाएंगे. अंततः तमिलनाडु स्वतंत्रता पूर्व के दिनों में वापस जा सकता है, जहां छोटे शहरों और गांवों में केवल "नंगे पांव" जरूरतों को पूरा करने वाले डॉक्टर उपलब्ध थे."
मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए NEET पर लगे रोक
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तमिलनाडु मेडिकल और हेल्थ केयर सिस्टम में राज्यों के बीच रैंक में नीचे चला जाएगा. इसलिए, समिति ने राज्य सरकार को आवश्यक कानूनी /या विधायी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए सभी स्तरों पर मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन में नीट के इस्तेमाल को समाप्त करने के लिए तत्काल कदम उठाने की सिफारिश की है.
ये भी पढ़ें
TS ICET 2021: तेलंगाना स्टेट ICET 2021 परिणाम और फाइनल आंसर की 23 सितंबर को होगी जारी
KCET 2021 Result: कर्नाटक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट 2021 का परिणाम जारी, इन स्टेप्स से करें चेक
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI