NEET UG Result 2024 Controversy Explained: नीट यूजी को लेकर मच रहे बवाल पर अगर गौर फरमाएं तो सामने आता है कि कई सवाल ऐसे उठे हैं जिनका एनटीए ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया है. अंतत: मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, सुनवाई शुरू हुई और फिलहाल ये मामला 8 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया है. तब तक परीक्षा से संबंधित आगे की प्रक्रियाएं चलती रहेंगी यानी काउंसलिंग की प्रक्रिया नहीं रुकेगी. इस मामले में कई याचिकाएं दायर हुई थी जिनके संबंध में सुप्रीम कोर्ट का ये कहना है कि एक ही सवाल पर बार-बार बात करने से कोई फायदा नहीं है. हमें हर हाल में एनटीए के जवाब का इंतजार करना होगा.
एनटीए से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है और कैंडिडेट्स द्वारा उठाए जा रहे सभी मुद्दों को साफ करने के लिए कहा है. हालांकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पहले भी कई बार स्पष्टीकरण दे चुकी है लेकिन छात्र उससे संतुष्ट नहीं हैं. एनटीए से जवाब आने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत आगे सुनवाई होगी. डालते हैं पूरे मामले पर एक नजर.
ये हैं मुद्दे
- जहां हर साल एक या अधिकतम दो टॉपर निकलते हैं वहीं इस साल कुल 67 टॉपर हैं. इन सभी को परफेक्ट 720 अंक मिले हैं.
- इस बार के बहुत से नीट टॉपर्स एक ही सेटर से हैं.
- परीक्षा से पहले कई सेंटर पर पर्चा लीक होने की खबर भी आयी है.
- कुछ स्टूडेंट्स का कहना है कि खास सेंटर्स के स्टूडेंट्स को ही ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं जबकि पेपर लेट कई सेंटर्स पर हुए थे.
- दो स्टूडेंट्स ने जिनकी रैंक भी 68 और 69 आयी है ने 718 और 719 अंक पाए हैं. नीट की मार्किंग स्कीम के हिसाब से ये अंक संभव नहीं हैं.
- बिहार पुलिस ने नीट पेपर लीक मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. बिहार पुलिस ने यह भी जानकारी दी है कि पेपर लीक मामले को इकोनामिक ऑफेंसेस यूनिट में ट्रांसफर कर दिया गया है.
क्या कहना है एनटीए का
एनटीए का कहना है कि कुछ केंद्रों पर पेपर देर से बंट पाए थे और टाइम के नुकसान की भरपायी के लिए उन्होंने ग्रेस मार्क्स दिए हैं जिस वजह से कुछ कैंडिडेट्स के 718 और 719 अंक आए हैं. पेपर लीक के आरोपों को एनटीए ने पूरी तरह निराधार बताया है.
एनटीए का ये भी कहना है कि ये इस मामले की जांच के लिए 4 सदस्यीय टीम गठित की गई है और ये मामला केवल 1600 स्टूडेंट्स का है नाकि 24 लाख कैंडिडेट्स का. परीक्षा में हुई धांधली को अब पॉलिटिकल रंग भी चढ़ने लगा है और कई पार्टियां इस बहस में कूद गई हैं. चारों तरफ से परीक्षा रद्द करके री-एग्जाम कराने की मांग उठ रही है. सबसे बड़ा सवाल परीक्षा रद्द करने का है.
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