(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
NEET UG 2024: एक सवाल पर मचा बवाल, क्या फिर से जारी होंगे नीट यूजी के नतीजे?
NEET UG Case In SC: नीट यूजी मामले में सुनवाई के दौरान फिजिक्स विषय के एक प्रश्न पर सवाल उठा है. क्या है ये सवाल और इसके बदलने से नतीजों पर क्या फर्क पड़ेगा? जानें.
NEET UG Hearing In Supreme Court Today: नीट यूजी मामले में आज फिर सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा. कई सारे मुद्दों के बीच कल की हियरिंग में एक नया मुद्दा गरमाया है जिसका जवाब आज मिलेगा. ये सवाल फिजिक्स विषय के एक प्रश्न को लेकर उठाया गया है. बता दें कि इससे पहले भी कोर्ट ने एनटीए से सेंटर और सिटीवाइज परिणाम जारी करने को कहा था जिसमें स्टूडेंट्स की आइडेंटिटी का खुलासा नहीं करना था. इस रिजल्ट के जारी होने के बाद भी कुछ अजीब आंकड़े सामने आ रहे हैं.
रिजल्ट में फिर दिखी अनियमित्ता
सिटी और सेंटर वाइज रिजल्ट जारी होन के बाद रिजल्ट में फिर कई अनियमित्ताएं दिखी हैं. जैसे कहीं एक ही सेंटर से बहुत से टॉपर तो कहीं किसी सेंटर से अधिकतम स्टूडेंट्स के 650 से अधिक मार्क्स. कुछ स्टूडेंट जो 12वीं में फेल हैं लेकिन नीट पास कर गए हैं. केरल के एक ही केंद्र से 5 परसेंट से ज्यादा बच्चों ने 650 से अधिक स्कोर किया है तो 44 टॉपर ग्रेस मार्क्स पाकर टॉपर बन गए हैं.
क्या है फिजिक्स सवाल का मुद्दा
नीट मामले में बहुत सी याचिकाओं पर सुनवाई चल ही रही थी कि तभी एक स्टूडेंट ने फिजिक्स के एक सवाल पर सवाल उठा दिया. इस याचिकाकर्ता का कहना है कि फिजिक्स के एक सवाल का जवाब ऑप्शन नंबर 4 था लेकिन एनटीए ने ऑप्शन नंबर 2 चुनने वालों को भी ग्रेस मार्क्स दिए हैं. ऐसा इसलिए कि एनसीईआरटी के पुराने संस्करण के मुताबिक जवाब नंबर 2 सही माना जाएगा लेकिन एनसीईआरटी के नए संस्करण के मुताबिक जवाब नंबर 4 सही माना जाएगा.
कई स्टूडेंट्स का स्कोर बदला
एनटीए ने ऑप्शन दो या चार दोनों में से कोई भी एक चुनने वालों को अंक दिए हैं. ऐसा होने से करीब 44 छात्रों के स्कोर में बदलाव हुआ है क्योंकि उन्होंने ऑप्शन 2 चुना था. वहीं कुछ छात्र जो दोनों ऑप्शन देखकर कंफ्यूज हो गए उनके मार्क्स चले गए क्योंकि उन्होंने सवाल अटेम्प्ट ही नहीं किया.
एससी ने मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये बात कही कि जब नए संस्करण में जवाब नंबर 4 सही है तो जवाब नबंर 2 जो पिछले एनसीईआरटी संस्करण पर आधारित था उस पर अंक नहीं मिलने चाहिए थे. मामले को ठीक तरह से निपटाने के लिए कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली से एक्सपर्ट पैनल को इस सवाल का हल तलाशने के लिए कहा है. आज तीन एक्सपर्ट पैनल की टीम इस बात का जवाब देगी कि दोनों में से कौन सा ऑप्शन इस सवाल के लिए सबसे ज्यादा ठीक है.
कई कैंडिडेट्स करते हैं पुरानी किताबों का इस्तेमाल
इस बाबत एक याचिका में ये भी कहा गया कि कई गरीब छात्र पुरानी किताबों का इस्तेमाल करते हैं इसलिए उन्होंने जो पढ़ा उसके हिसाब से आंसर लिखा, ऐसे में विकल्प दो को भी गलत नहीं माना जाना चाहिए. पर ऐसे में वे कैंडिडेट सवाल उठा सकते हैं कि जो कंफ्यूजन में सवाल छोड़ आए कि दो जवाब कैसे सही हो सकते हैं, उन्हें भी ग्रेस मार्क्स मिलने चाहिए.
क्या फिर जारी होगा रिजल्ट
पूरे मुद्दे पर विचार करने के बाद ये सवाल फिर खड़ा होता है कि क्या फिर से नीट यूजी के नतीजे जारी किए जाएंगे. आज इस बात का जबाव मिलेगा कि कौन सा विकल्प सही है और कौन सा गलत. ऐसे में किसी भी स्थिति में ये सवाल रिजल्ट को बदलकर रख सकता है. दोनों विकल्पों में से एक चुनने वाले, पुरानी किताब के मुताबिक आंसर देने वाले या सवाल छोड़ने वाले, किसी न किसी प्रकार के कैंडिडेट इस सवाल से प्रभावित हैं. सवाल ड्रॉप होता है या सभी को ग्रेस मार्क्स मिलते हैं तो भी नतीजे बदलेंगे. कुछ ही देर में साफ होगा कि इस मामले में कोर्ट क्या जवाब देता है.
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