NEET UG 2024: नीट एग्जाम मामले में आगे अब क्या-क्या हो सकता है? सुनवाई के बीच यहां समझें पूरी बात...
नीट यूजी परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट ने आज की सुनवाई टाल दी है और अगली सुनवाई 18 जुलाई के दिन होगी. कोर्ट की तरफ से 54 कैंडिडेट्स को तीन साल के लिए परीक्षा में बैठने के लिए अयोग्य करार दिया है.
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नीट यूजी परीक्षा को लेकर घमासान मचा हुआ है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने आज परीक्षा की सुनवाई को टाल दिया. अब मामले में अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी. कोर्ट ने 54 कैंडिडेट्स को 3 साल के लिए परीक्षा में बैठने से अयोग्य घोषित करार दिया है.
हालांकि कोर्ट सरकार की तरफ से दायर हलफनामे पर भी विचार कर सकता है. लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो इस बात से इनकार कर पाना कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई संभव नहीं है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख कैंडिडेट्स के हितों को देखते हुए फैसला सुना सकता है.
एग्जाम रद्द हुआ तो...
अगर कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने का निर्णय दिया तो 24 लाख कैंडिडेट्स को फिर से परीक्षा में बैठना होगा. एग्जाम की डेट दोबारा जारी होगी और एडमिट कार्ड से लेकर एग्जाम शेड्यूल तक सभी काम फिर से होंगे. छात्रों को परीक्षा देने के लिए एक बार फिर परीक्षा केंद्रों पर पहुंचना होगा.
परीक्षा रद्द नहीं हुई तो...
यदि सुप्रीम कोर्ट एग्जाम को रद्द नहीं करता है तो काउंसलिंग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा और कैंडिडेट्स के पास संस्थान चुनने का मौका होगा. हालांकि ये कहना कि सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला सुना सकता है, जल्दबाजी होगी.
ग्रेस मार्क्स का विवाद
बताते चलें कि नीट यूजी परीक्षा के स्कोरकार्ड जारी हो जाने के बाद से नीट यूजी पेपर लीक और परीक्षा में हुई गाबड़ियों के मामले ने तूल पकड़ा. देश भर के कई इलाकों में प्रदर्शन हुए है. साथ ही कैंडिडेट्स के साथ-साथ राजनीतिक दल भी उनके स्पोर्ट में आ गए. हालांकि जिन छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए थे. उनके सामने ग्रेस मार्क्स छोड़ने या फिर दोबारा एग्जाम देने का विकल्प रखा गया था. ऐसे कुल 1563 छात्रों के लिए परीक्षा का आयोजन भी हुआ. जिसमें कई छात्र शामिल नहीं हुए. परीक्षा का रिजल्ट भी सामने आ चुका है.
लेकिन स्टूडेंट्स और अन्य लोगों की मांग थी कि परीक्षा को कैंसिल किया जाए. काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए. काउंसलिंग पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने पहले मना कर दिया था. लेकिन काउंसलिंग 6 जुलाई से शुरू होनी थी जोकि शुरू नहीं की गई. रिपोर्ट्स बता रही थी कि इसका शेड्यूल जल्द जारी हो सकता है.
सरकार ने कही थी ये बात
पिछली सुनवाई जो 8 जुलाई को हुई थी उसमें कोर्ट ने सरकार से कई सवाल पूछे. कोर्ट ने पिछली सुनवाई के समय कहा था कि नीट यूजी परीक्षा के साथ समझौता हुआ है. वहीं, केंद्र सरकार की ओर से हलफनामा दायर कर कहा गया कि शिक्षा मंत्रालय ने आईआईटी मद्रास से नीट यूजी रिजल्ट का डाटा एनाटिक्स करने का अनुरोध किया गया. परीक्षा में बड़े लेवल पर धोखाधड़ी या फिर असामान्य स्कोर से कैंडिडेट्स के किसी खास ग्रुप को अनुचित लाभ मिलने का कोई सबूत नहीं है.
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