NEET Passed Failed In 12th Supplementary Exam: इस साल की नीट परीक्षा, इससे जुड़े विवाद और सुप्रीम कोर्ट का फैसला सालों-साल याद रखे जाएंगे. हालांकि इतना कुछ होने के बाद भी परीक्षा से जुड़े केस थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. हाल ही में एक चौंका देना वाला मामला सामने आया है जिसमें एक छात्रा ने नीट परीक्षा तो पास कर ली है पर वो 12वीं का एग्जाम दोबारा (सप्लीमेंट्री देने के बाद) भी पास नहीं कर पायी.


क्या है मामला


गुजरात की एक छात्रा ने इस साल की नीट यूजी परीक्षा में 720 में से 705 अंक पाए हैं. ये पहले 12वीं की बोर्ड परीक्षा में दो विषयों में फेल हुई. नियम के मुताबिक उसे सप्लीमेंट्री परीक्षा देने का मौका मिला. ये पूरक परीक्षा भी पास नहीं कर पायी. इस रिजल्ट ने फिर से कई सवाल खड़े कर दिए हैं.


फिजिक्स और केमिस्ट्री में फेल


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्च में हुई बोर्ड परीक्षा में ये छात्रा फिजिक्स और केमिस्ट्री विषय में फेल हुई थी. गुजरात बोर्ड के नियमों के मुताबिक कोई कैंडिडेट अधिकतम तीन विषयों में फेल होता है तो उसे पूरक परीक्षा देने का मौका मिलता है. ऐसा ही इस छात्रा के साथ भी हुआ.


सप्लीमेंट्री एग्जाम में भी फेल


ये छात्रा फिजिक्स के पेपर में फिर से फेल हो गई है. पहले हुए मेन एग्जाम में इस स्टूडेंट के 21 नंबर आए थे और दोबारा हुई परीक्षा में 22 नंबर आए हैं. ये दोनों ही बार फिजिक्स का पेपर पास नहीं कर पायी.


वहीं केमिस्ट्री विषय जिसमें वो पिछली बार यानी मुख्य एग्जाम में फेल हुई थी, उसमें इसे केवल पासिंग मार्क्स यानी 33 अंक मिले हैं. पहली बार में उसके केमिस्ट्री में 21 अंक थे.


नेशनल लेवल टेस्ट किया पास


इस छात्रा के मार्क्स देखने के बाद इस तरह के सवाल उठ रहे हैं कि जो छात्रा बोर्ड एग्जाम में फिजिक्स, केमिस्ट्री में पासिंग मार्क्स नहीं ला पायी, उसने नेशनल लेवल की परीक्षा पास कर ली. नीट पास करना वैसे भी बहुत कठिन माना जाता है क्योंकि कांपटीशन तगड़ा है.


सोशल मीडिया पर हुई वायरल


इस छात्रा की 12वीं बोर्ड की मार्कशीट और नीट परीक्षा पास करने की मार्कशीट दोनों साइड बाय साइड रखकर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल ह रही हैं. जहां बोर्ड परीक्षा में 700 में केवल 352 अंक हैं, वहीं नीट में 720 में 705 अंक आए हैं. ये स्कोर किसी के गले नहीं उतर रहा है.


नहीं ले सकती मेडिकल में एडमिशन


सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इसके कुछ अंक कम हो गए और इस छात्रा को 700 मार्क्स ही मिले हैं. हालांकि 12वीं फेल होने से ये स्टूडेंट्स मिनिमम एलिजबिलिटी क्राइटेरिया पूरा नहीं करती इसलिए उसे मेडिकल सीट पर प्रवेश नहीं मिलेगा. अन्यथा इसका पर्सेंटाइल इसे आसानी से गवर्नमेंट कॉलेज में सीट दिला देता. 


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