NEET UG: नीट यूजी एग्जाम को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. स्टूडेंट्स के साथ अब कई राजनीतिक दल भी सड़कों पर उतर आए हैं. हालांकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है. कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से 1563 कैंडिडेट्स के लिए परीक्षा फिर से कराने की बात कही थी. जिसके लिए अब एडमिट कार्ड भी जारी हो गए हैं. इन कैंडिडेट्स के लिए परीक्षा का आयोजन 23 जून को किया जाएगा.


अगर बात की जाए तो पास कैंडिडेट्स जो इन 1563 में शामिल हैं. उनके लिए ये अनिवार्य नहीं है कि वह परीक्षा में बैठें. यदि कैंडिडेट्स री-एग्जाम में नहीं बैठना चाहते हैं तो उन्हें बिना ग्रेस अंक के अपने नंबर स्वीकार करने होंगे. कैंडिडेट्स ने मांग उठाई थी कि काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए. जिससे सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था. 23 जून को परीक्षा होने के बाद 30 जून तक रिजल्ट जारी कर दिए जाएंगे. जबकि काउंसलिंग प्रक्रिया 6 जुलाई से शुरू हो सकती है.


इस वर्ष हुई नीट परीक्षा सवालों के घेरे तब आई जब स्कोरकार्ड जारी किए गए हैं. इस बार एग्जाम में 67 कैंडिडेट्स को टॉपर बने. जिसके बाद ये सारा मामला शुरू हो गया. कैंडिडेट्स की मांग थी की परीक्षा फिर से कराई जाए. जिसके लिए सड़कों पर भी आंदोलन किए गए. फिर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और कोर्ट एनटीए से जवाब मांगा. एनटीए 23 जून को परीक्षा का उन कैंडिडेट्स के लिए कर रहा है. जो विवाद के घेरे में आने वाले सेंटर पर एग्जाम देने पहुंचे थे. एक ही परीक्षा केंद्र से 6 स्टूडेंट्स ने परीक्षा में टॉप किया था.


1563 कैंडिडेट्स जिन्हें ग्रेस मार्क्स मिले थे, उनके स्कोर कार्ड रद्द कर दिए गए हैं. जिसके बाद टॉपर्स की संख्या भी कम हो गई है. पहले 67 कैंडिडेट्स ने टॉप मार्क्स हासिल किए थे. लेकिन इस निर्णय के बाद टॉपरों की संख्या 61 हो गई. सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि नीट यूजी 2024 के कुल 1563 अभ्यर्थियों के स्कोर कार्ड रद्द करने का फैसला लिया गया है, जिन कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. इन 1563 छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दिया गया है. दोबारा आयोजित होने वाले एग्जाम में जो उम्मीदवार शामिल नहीं होंगे उन्हें अंक बिना ग्रेस मार्क्स के दिए जाएंगे.


क्या है ग्रेस मार्क्स?


ग्रेस मार्क्स छात्रों को पास करने के लिए दिए जाते हैं जो पासिंग स्कोर से थोड़े कम अंक प्राप्त करते हैं या मुआवजे के रूप में दिए जाते हैं. छोटी कक्षाओं में, 1-2 अंकों की कमी के साथ छात्रों को पास करने के लिए ग्रेस मार्क्स प्रदान किए जाते हैं. मामले में कई याचिका ऐसी भी हैं जिनमें कहा गया है कि एजेंसी ने मनमाने तरीके से 1500 से ज्यादा कैंडिडेट्स को ग्रेस अंक दिए हैं.


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