नीट यूजी एग्जाम के रिजल्ट आने के बाद से ही देशभर में बवाल मचा हुआ है. परीक्षा में शामिल होने वाले लाखों कैंडिडेट्स सड़क पर उतर आए हैं. फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है. मामले में अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी. लेकिन उससे पहले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने परीक्षा को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दिया है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट किया है. जिसमें एग्जाम से जुड़े लगभग हर सवाल का जवाब है.
दरअसल, नीट यूजी परीक्षा 2024 के नतीजे एनटीए की ओर से हाल ही में जारी किए गए थे. इस बार एग्जाम में 24 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था. जबकि एग्जाम में करीब 13.61 उम्मीदवारों ने सफलता पाई थी. लेकिन इस बार एग्जाम में एक या दो नहीं बल्कि 67 टॉपर्स हैं. इनमें से 08 तो एक ही सेंटर से है. जिसके बाद एजेंसी सवालों के घेरे में है. हालांकि मामले की शुरुआत से लेकर अभी तक एनटीए परीक्षा में हुई किसी भी तरह की धांधली को लेकर इंकार करता हुआ आया है.
सवाल- कम्पेन्सेटरी मार्क्स कैसे किए जाते हैं कैलकुलेट?
जवाब- एनटीए ने कहा है कि एग्जाम टाइम पर समय के नुकसान का पता चला था और ऐसे उम्मीदवारों को शीर्ष अदालत की ओर से किए गए निर्णय के अनुसार अंक दिए गए. सेट फार्मूला के अनुसार छात्रों की जवाब देने की दक्षता और टाइम लॉस के आधार पर नंबरों की भरपाई की गई थी. कुल 1563 कैंडिडेट्स को ये अंक दिए गए.
सवाल- कैसे कैंडिडेट्स ने 718 और 719 मार्क्स नीट यूजी एग्जाम में प्राप्त किए?
जवाब- कम्पेन्सेटरी मार्क्स के चलते दो कैंडिडेट्स को 718 व 719 अंक मिले हैं.
सवाल- बिहार में रिसाव या गोधरा में पेपर लीक हुए?
जवाब- रिपोर्ट्स में पाया गया कि परीक्षा में कोई पेपर लीक नहीं हुआ ये सिर्फ़ नकल के मामलेथे. एनटीए के पास अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल हैं और सभी प्रश्नपत्रों का हिसाब लगाया गया है. पटना पुलिस को जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए गए हैं और एनटीए जांच में सहयोग कर रहा है.
सवाल- परीक्षा के समय गड़बड़ी रोकने के लिए एनटीए ने क्या उपाय किए हैं?
जवाब- परीक्षा हॉलों में नकल रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे, बायोमेट्रिक सत्यापन, सघन जांच और जैमर का उपयोग किया गया.
सवाल- क्या 720 मार्क्स हासिल करने वाले कैंडिडेट्स को दो सही जवाब होने और ग्रेस मार्क्स के चलते लाभ मिला है?
जवाब- नीट परीक्षा में 67 छात्रों ने फुल मार्क्स प्राप्त किए हैं. इनमें से 44 छात्रों के उत्तर आंसर की चैलेंज होने के बाद सही किए गए हैं. परीक्षा में एक प्रश्न के दो उत्तर सही थे, इसलिए किसी भी एक उत्तर को चुनने वाले छात्रों को बाद में अंक दे दिए गए. ऐसे छात्रों को ग्रेस मार्क्स नहीं दिए गए हैं. ग्रेस मार्क्स केवल उन छात्रों को दिए गए हैं जिनका समय बर्बाद हुआ है.
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