UGC’s New Rule For Assistant Professor Post: यूनिवर्सिटी या कॉलेज में टीचर पद पर नियुक्त होने के लिए अब इन परीक्षाओं में से कोई एक एग्जाम पास होना जरूरी है. बिना इसके नियुक्ति नहीं मिलेगी. यूजीसी यानी यूनिवर्सिटी ग्रैंट्स कमीशन ने टीचर्स के एप्वॉइंटमेंट के नियम बदल दिए हैं. इसके लिए अब कैंडिडेट का पीएचडी करना भी जरूरी नहीं है. हालांकि उसे नेट, सेट या स्लेट में से कोई एक परीक्षा पास होना जरूरी है. ये क्वालीफिकेशन होने पर ही कैंडिडेट यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नियुक्ति पा सकता है.
कमीशन ने कर दिया है बदलाव
कमीशन ने 'विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव) विनियम, 2018' में संशोधन किया है. आयोग का कहना है कि नेशनल एलिजबिलिटी टेस्ट/स्टेट एलिजबिलिटी टेस्ट या स्टेट लेवल एलिजबिलिटी टेस्ट में से कोई भी एक परीक्षा पास करने वाले कैंडिडेट्स ही हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स में पढ़ाने के लिए योग्य माने जाएंगे.
1 जुलाई से होगा लागू
ये नया नियम इस महीने की पहली तारीख यानी 1 जुलाई से लागू हो गया है. अब यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को टीचर एप्वॉइंट करने के लिए इन नियमों को मानना होगा. इन नियमों को कहा गया है – ‘यूनिवर्सिटी ग्रैंट्स कमीशन (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के लिए अन्य उपाय) (दूसरा संशोधन) विनियम, 2023.
पीएचडी हो गई ऑप्शनल
नये नियम के आने के बाद से पीएचडी ऑप्शनल हो गई है. यानी बिना पीएचडी के भी अगर इनमें से कोई भी एक परीक्षा पास की है तो असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नियुक्ति हो सकती है. लेकिन केवल पीएचडी करने से ये नौकरी नहीं मिलेगी. यूजीसी ने इस बाबत ट्वीट करके जानकारी दी और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति से संबंधित गाइडलाइंस जारी की हैं.
यूजीसी चीफ ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए गाइडलाइंस मौखिक तौर पर मार्च महीने में घोषित की थी. तभी से लाखों कैंडिडेट्स को ऑफिशियल नोटिस का इंतजार था. अब यूजीसी ने रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी कर दी हैं.
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