NLAT 2020 रद्द: सुप्रीम कोर्ट ने आज 21-09-2020 को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए एनएलएसआईयू, बेंगलुरु की प्रवेश परीक्षा के लिए जारी किए गए उस अधिसूचना को ही रद्द कर दिया है जो उसने अपने लिए अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए जारी किया था. एनएलएसआईयू, बेंगलुरु  की जारी की गयी अधिसूचना में यह कहा गया था कि ‘एनएलएसआईयू एकेडमिक ईयर 2020-21 में प्रवेश के लिए सीएलएटी 2020 के स्कोर को स्वीकार नहीं  करेगा और  एनएलएटी 2020 परीक्षा ऑनलाइन मोड में आयोजित कराएगा.




इसी अधिसूचना के तहत एनएलएसआईयू, बेंगलुरु ने अपने लिए एक अलग प्रवेश परीक्षा 12 सितंबर 2020 को सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के तहत आयोजित भी करवाया था. लेकिन आज सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवेश परीक्षा और जारी किए गए अधिसूचना को एक साथ रद्द कर दिया. बता दें कि नेशनल लॉ एप्टीट्यूड टेस्ट 2020 का आयोजन  एनएलएसआईयू, बेंगलुरु के 5 साल के बीए, एलएलबी और एलएलएम कोर्सों में दाखिले के लिए 12 सितंबर को आयोजित किया था.


पीठ ने दिए गए अपने फैसले में कहा कि भारत में 22 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में प्रवेश एक केंद्रीकृत नेशनल लेवल की प्रवेश परीक्षा ‘सीएलएटी’ के जरिए कराई जाती है. जिसका आयोजन 28 सितंबर 2020 को होना है. एनएलएसआईयू, बेंगलुरु में भी प्रवेश इसी ‘सीएलएटी 2020’ पर किया जाना चाहिए.


क्या था मामला?


इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ में, अलग से परीक्षा कराने के एनएलएसआईयू, बेंगलुरु के फैसले के खिलाफ  एनएलएसआईयू के पूर्व कुलपति और एक छात्र के अभिभावक ने एक याचिका दाखिल कर 5 साल के बीए, एलएलबी (ऑनर्स) प्रोग्राम के तहत प्रवेश के लिए जारी किए गए 04 सितंबर 2020 की अधिसूचना को रद्द करने का अनुरोध किया गया था. याचिका में यह कहा गया है कि एनएलएसआईयू, बेंगलुरु  की इस अधिसूचना ने एक अप्रत्याशित स्थिति पैदा कर दी है.




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