NMC Anti Ragging Cell: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग से निपटने के लिए एंटी रैगिंग सेल का गठन किया है. अगर NMC को ईमेल पर रैगिंग के खिलाफ शिकायतें मिलती हैं, तो ये सेल उन मामलों की जांच करेगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. 


15 सितंबर को जारी एक आदेश के अनुसार, रैगिंग की शिकायतों की स्वतंत्र जांच के लिए सेल के सदस्य हर महीने में एक बार मीटिंग करेंगे. सेल में डॉ अरुणा वी वणिकर, अध्यक्ष, डॉ विजयेंद्र कुमार, डॉ विजय लक्ष्मी नाग, डॉ योगेंद्र मलिक, शंभू शरण कुमार, अशोक कुमार, चमन लाल गुलेरिया, औजेंदर सिंह आदि शामिल हैं.


इससे पहले देश भर से कॉलेजों में सीनियर्स के द्वारा जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग और मारपीट के मामले सामने आ चुके हैं. पिछले दिनों मध्य प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में वरिष्ठ एमबीबीएस छात्रों के एक ग्रुप पर रैगिंग का आरोप लगा था. इस घटना में जूनियर्स को अश्लील और अपमानजनक काम करने के लिए मजबूर किया गया था. 


इंदौर में सीनियर्स ने किया था अपमानजनक व्यवहार


इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सीनियर छात्रों के साथ हुई घटना के बाद परेशान जूनियर्स ने यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन यानी यूजीसी को एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर फोन किया और अपनी आपबीती सुनाई थी. जूनियर्स ने पुलिस को बताया कि उन्हें सीनियर एमबीबीएस छात्रों के फ्लैट में तकिए और बैचमेट्स के साथ यौन संबंध बनाने का नाटक करने के लिए मजबूर किया था. 


हापुड़ में बाल पकड़कर छात्रा को खींचा था
 
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के सरस्वती मेडिकल कॉलेज की छात्रा ने पांच छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. छात्रा का आरोप था कि आरोपियों ने उसकी पिटाई की, उसके कपड़े फाड़े और बालों को पकड़कर घसीटा. लड़की ने पुलिस को बताया कि छात्र उसे पांच महीने से अधिक समय से रैगिंग के नाम पर परेशान कर रहे थे.


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