Scholarship for SC-ST Students 2020: कक्षा 10वीं {मैट्रिक} के बाद अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) समुदाय के छात्रों को ओडिशा सरकार द्वारा दी जाने वाली स्कॉलरशिप में कोई कटौती न करने का फैसला किया गया है. यह फैसला ओडिशा के मुख्यमंत्री ने लिया है. यह फैसला तब लिया गया जब ओडिशा के विपक्षी दलों ने सरकार के उस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया जिसमें मैट्रिक उत्तीर्ण एसटी और एससी स्टूडेंट्स को दी जाने वाली छात्रवृति में कटौती के आदेश दिए गए थे.
विपक्षियों के इस विरोध के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक बयान जारी कर कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के स्टूडेंट्स को कक्षा 10वीं के बाद जो स्कॉलरशिप {पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप} प्रदान की जाती थी उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि स्टूडेंट्स को उतनी ही राशि मिलेगी जितनी पिछले शैक्षिक सत्र में मिली थी.
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास विभाग द्वारा जारी ऑफिशियल नोटिस को रोक लेने के लिए कहा. विभाग को {पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप} राशि में कटौती संबंधी वाली सरकारी फाइल को सत्यापन के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय भेजने के भी आदेश दिए गए हैं.
आपको बता दें कि इससे पहले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास विभाग ने एक प्रस्ताव में एसटी और एससी समुदाय के स्टूडेंट्स को मैट्रिक उत्तीर्ण होने के बाद दी जाने वाली स्कॉलरशिप राशि में कटौती करने की घोषणा की थी.
इस प्रस्ताव के मुताविक पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के तहत शैक्षणिक सत्र 2020-21 से एसटी और एससी मेधावी छात्रों को दी गई पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति को कम कर दिया गया था, जिनमें बीटेक और एमबीए सहित कम से कम 15 पाठ्यक्रम शामिल थे. परन्तु इसके साथ ही पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप कार्यक्रम के तहत कवर किए जाने वाले पाठ्यक्रमों की संख्या में वृद्धि कर 27 से 99 कर दिया गया था.
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