एक्सप्लोरर

No Detention Policy: 5वीं और 8वीं में फेल बच्चों का क्या होगा, क्या उसी क्लास में करेंगे पढ़ाई? जानें नो डिटेंशन पॉलिसी से जुड़े हर सवाल का जवाब

No Detention Policy: नो डिटेंशन पॉलिसी को समाप्त कर दिया गया है. जिसके बाद छात्रों से लेकर अभिभावकों के जेहन में तमाम सवाल उठ रहे हैं.

साल 2024 खत्म होने को है इस साल शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव देखने को मिले. हाल ही में एक बड़ा फैसला 5वीं और 8वीं क्लास के स्टूडेंट्स को लेकर हुआ है. इसके तहत अब विद्यार्थी 5वीं क्लास और 8वीं में भी फेल किए जाएंगे. उन्हें आगे की क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा.

क्लास 5वीं और 8वीं में फेल छात्रों के लिए अब क्या होगा? क्या उन्हें उसी क्लास में रहकर फिर से पढ़ाई करनी होगी या फिर कोई नया सिस्टम लागू होगा? यह सवाल इन दिनों बेहद ज्यादा चर्चा में हैं, खासकर जब से सरकार ने नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म करने की बात कही है. आइए जानते हैं...

नो डिटेंशन पॉलिसी क्या है?

नो डिटेंशन पॉलिसी 2009 में भारत सरकार द्वारा लागू की गई थी. इसके तहत 5वीं और 8वीं कक्षा में बच्चों को बिना फेल किए अगली कक्षा में प्रमोट किया जाता था. भले ही उनका प्रदर्शन खराब क्यों न हो. इसका उद्देश्य बच्चों को पढ़ाई में दबाव से बचाना और उनके आत्मविश्वास को बनाए रखना था.

क्यों लागू की गई थी नो डिटेंशन पॉलिसी?

इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य बच्चों को मानसिक दबाव से मुक्त करना था. रिपोर्ट्स की मानें तो इसका उद्देश्य छात्रों में से पढ़ाई का भय निकालना था.  

किस वजह से इसे बनाया गया?

इस नीति का निर्माण बच्चों के लिए एक समान और सुलभ शिक्षा प्रणाली बनाने के लिए किया गया था. कई बार बच्चों की खराब शिक्षा का कारण अत्यधिक परीक्षा दबाव होता था, जिससे वे आत्मविश्वास खो देते थे और स्कूल छोड़ने की स्थिति में आ जाते थे.

इस पॉलिसी में क्या थीं दिक्कतें?

हालांकि इस नीति के कई फायदे थे लेकिन इसका एक नकारात्मक पहलू भी था. इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा था और कई बार बच्चों को पूरी जानकारी भी नहीं मिल पा रही थी. इसके अलावा 5वीं और 8वीं में बिना परीक्षा के प्रमोशन से बच्चों के लिए कठिन कक्षाओं में पास होना मुश्किल हो गया.

क्यों हुई पॉलिसी खत्म करने की बात?

पॉलिसी के आलोचकों का मानना था कि यह बच्चों को परीक्षा की महत्ता से दूर कर रही थी और शिक्षा में गुणात्मक सुधार की दिशा में रुकावट डाल रही थी. इसलिए सरकार ने इस नीति को समाप्त करने का निर्णय लिया ताकि छात्रों को परीक्षा के प्रति जिम्मेदारी का एहसास हो और उनकी वास्तविक शिक्षा में सुधार हो सके.

खत्म करने से क्या होगा फायदा?

नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म करने से शिक्षा प्रणाली में सुधार की उम्मीद है. इससे शिक्षक और छात्र दोनों ही अधिक गंभीरता से पढ़ाई करेंगे और बच्चों को कठिन विषयों में गहरी समझ प्राप्त होगी. यह नीति बच्चों में प्रतियोगिता की भावना को बढ़ावा देगी और उनकी आत्मविश्वास में भी इजाफा होगा.

किन राज्यों में लागू है यह पॉलिसी?

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार 16 राज्यों में पहले से नो डिटेंशन पॉलिसी खत्म है. जिनमें असम, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव शामिल हैं. हालांकि हरियाणा और पुडुचेरी ने अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया है.

फेल छात्रों का अब क्या होगा?

अब जो छात्र 5वीं और 8वीं में फेल होंगे उन्हें एक बार और एग्जाम देने का मौका मिलेगा. यदि वह परीक्षा फिर भी पास नहीं कर पाएंगे तो छात्रों को फिर उसी क्लास में पढ़ना होगा.

कितने स्कूलों को करना होगा इसका पालन?

केवी, एनवी, सैनिक स्कूल समेत करीब 3 हजार स्कूलों में इस निर्णय का पालन किया जाएगा.

दूसरी क्लास में कैसे जाएंगे फेल छात्र?

अगर कोई छात्र फेल हो जाता है, तो कुछ दिन के अंदर ही उसे एक और बार परीक्षा का मौका मिलेगा. यदि वे उस में भी फेल हो जाता है तो उसी कक्षा में पढ़ाई करनी होगी और फिर से परीक्षा देनी होगी.

क्या स्कूल से निकाल दिए जाएंगे फेल छात्र?

फेल छात्रों को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा. वे उसी स्कूल में रहकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं, लेकिन अगली कक्षा में प्रमोट होने के लिए उन्हें अच्छे नंबर हासिल करने होंगे.

ये भी पढ़ें-

'पुष्पा' बनना हो या 'बाहुबली' की आवाज, कहां से कर सकते हैं वॉइस आर्टिस्ट का कोर्स?

Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

भारत में कैंसर से लड़ने में आयुष्मान भारत योजना का बड़ा रोल, गरीबों तक पहुंचा महंगा इलाज
भारत में कैंसर से लड़ने में आयुष्मान भारत योजना का बड़ा रोल, गरीबों तक पहुंचा महंगा इलाज
रघुवर दास फिर से बीजेपी में होंगे शामिल? ओडिशा के राज्यपाल पद से दिया इस्तीफा
रघुवर दास फिर से बीजेपी में होंगे शामिल? ओडिशा के राज्यपाल पद से दिया इस्तीफा
भारतीय क्रिकेटर के पिता को 7 साल की जेल, 11 साल बाद फर्जीवाड़े पर कोर्ट ने सुनाया फैसला
भारतीय क्रिकेटर के पिता को 7 साल की जेल, 11 साल बाद फर्जीवाड़े पर कोर्ट ने सुनाया फैसला
Baby John Screeing: डैशिंग लुक में दिखे वरुण धवन, तो रेड पेंट सूट में पहुंचीं वामिका, ब्लैक साड़ी में कीर्ति सुरेश ने ढाया कहर
'बेबी जॉन' की स्क्रीनिंग में डैशिंग लुक में दिखे वरुण, ब्लैक साड़ी में कीर्ति ने ढाया कहर
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

सम्राट का संभल कनेक्शन..सबसे बड़ा खुलासा, ऐसा था पृथ्वीराज चौहान का 'बंकर'आज की सभी बड़ी खबरेंआंबेडकर सबके हैंसंस्कृति और संस्कार... कुमार विश्वास का किस पर प्रहार?

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
भारत में कैंसर से लड़ने में आयुष्मान भारत योजना का बड़ा रोल, गरीबों तक पहुंचा महंगा इलाज
भारत में कैंसर से लड़ने में आयुष्मान भारत योजना का बड़ा रोल, गरीबों तक पहुंचा महंगा इलाज
रघुवर दास फिर से बीजेपी में होंगे शामिल? ओडिशा के राज्यपाल पद से दिया इस्तीफा
रघुवर दास फिर से बीजेपी में होंगे शामिल? ओडिशा के राज्यपाल पद से दिया इस्तीफा
भारतीय क्रिकेटर के पिता को 7 साल की जेल, 11 साल बाद फर्जीवाड़े पर कोर्ट ने सुनाया फैसला
भारतीय क्रिकेटर के पिता को 7 साल की जेल, 11 साल बाद फर्जीवाड़े पर कोर्ट ने सुनाया फैसला
Baby John Screeing: डैशिंग लुक में दिखे वरुण धवन, तो रेड पेंट सूट में पहुंचीं वामिका, ब्लैक साड़ी में कीर्ति सुरेश ने ढाया कहर
'बेबी जॉन' की स्क्रीनिंग में डैशिंग लुक में दिखे वरुण, ब्लैक साड़ी में कीर्ति ने ढाया कहर
'मैंने कभी लोन नहीं लिया', इससे मेरा CIBIL स्कोर अच्छा होगा या खराब?
'मैंने कभी लोन नहीं लिया', इससे मेरा CIBIL स्कोर अच्छा होगा या खराब?
छत्तीसगढ़ में ग्रेजुएट और डिप्लोमा पास के लिए वैकेंसी, जानें कब तक कर सकेंगे अप्लाई
छत्तीसगढ़ में ग्रेजुएट और डिप्लोमा पास के लिए वैकेंसी, जानें कब तक कर सकेंगे अप्लाई
सोनिया गांधी से मुलाकात पड़ी मनु भाकर को भारी? सोशल मीडिया पर खेल रत्न पुरस्कार को लेकर हो रहे गजब दावे
सोनिया गांधी से मुलाकात पड़ी मनु भाकर को भारी? सोशल मीडिया पर खेल रत्न पुरस्कार को लेकर हो रहे गजब दावे
मनु भाकर को खेल रत्न में नजरअंदाज करने के दावे पर हरियाणा के मंत्री ने झाड़ा पल्ला, जानें क्या कहा?
मनु भाकर को खेल रत्न में नजरअंदाज करने के दावे पर हरियाणा के मंत्री ने झाड़ा पल्ला, जानें क्या कहा?
Embed widget