NTA Banned 54 NEET Aspirants From Giving Exam For 3 Years: नीट यूजी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी, जो नहीं हुई और कोर्ट ने अगली तारीख दे दी है. अब अगले गुरुवार यानी 18 जुलाई को नीट यूजी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई होगी. मामले में अपना पक्ष रखते हुए एनटीए का कहना है कि पेपर लीक के वीडियो एडिटेड हैं. वहीं सरकार का कहना है कि अगर परीक्षा में गड़बड़ियों के पुख्ता सबूत नहीं मिलते हैं तो एग्जाम कैंसिल करना अच्छा ऑप्शन नहीं है क्योंकि इससे बहुत सारे कैंडिडेट्स प्रभावित होंगे.


बैन किया उम्मीदवारों को


इस बीच एनटीए ने एक्शन लेने की बात करते हुए कहा है कि कथित अनियमित्ताओं की जांच हो रही है और 54 कैंडिडेट्स को तीन साल के लिए नीट परीक्षा में बैठने से बैन कर दिया गया है. इसके साथ ही 81 कैंडिडेट्स के नतीजे रोके गए हैं. ये परीक्षा में हुई गड़बडियों के लिए बैठी कमेटी कि सिफारिश के आधार पर किया गया है. हालांकि एनटीए अभी भी पेपर लीक न होने की बात कह रही है.


कब लगता है बैन


किसी परीक्षा से स्टूडेंट्स को तब बैन किया जाता है जब वो किसी तरह के अनुचित साधनों का इस्तेमाल करता पाया जाता है. इसके लिए एनटीए का नियम ये है कि अगर कोई स्टूडेंट किसी भी परीक्षा में ‘अनफेयर मीन्स’ में लिप्त मिला तो उस पर कार्रवाई होगी और उसे बैन भी किया जा सकता है. ये बैन अनफेयर प्रैक्टिसेस (UFM) के अंतर्गत लगाया जाता है.


जेईई मेन्स के कैंडिडेट्स पर भी लग चुका है बैन


एनटीए ने इस साल जेईई मेन्स के 38 कैंडिडेट्स को भी तीन साल के लिए परीक्षा देने से बैन कर दिया है. इन्होंने एक से ज्यादा आवेदन भरे थे और अलग-अलग एप्लीकेशन नंबरों से परीक्षा दी थी. इनका आइडिया था कि जो स्कोर बेस्ट होगा वे उसके बेस पर एडमिशन लेंगे. एनटीए ने नोटिस रिलीज करके इस बारे में जानकारी दी थी.


परीक्षा के बाद भी हो सकता है एक्शन


एनटीए ने इस बारे में साफ कहा है कि अगर कोई कैंडिडेट किसी तरह की गलत गतिविधी में संलिप्त पाया जाता है तो उसका आवेदन किसी भी स्टेज पर कैंसिल किया जा सकता है. रिजल्ट आने और काउंसलिंग होने के बाद भी.


क्या हैं अनफेयर मीन्स


एक से ज्यादा आवेदन भरना, आवेदन में गलत जानकारियां देना, गलत सर्टिफिकेट या मार्कशीट लगाना, झूठे या जाली पेपर लगाना, फॉर्म भरते समय गलत जानकारियां देना, एडमिट कार्ड या तस्वीर से छेड़छाड़, सिग्नेचर गलत करना या ऐसा कोई भी काम जो अनुचित की श्रेणी में आता है, उसके लिए कैंडिडेट पर बैन लग सकता है. जरूरी नहीं की हर बार बैन ही लगे गलती की गंभीरता के हिसाब से सजा भी बदल सकती है.


न करें गलत काम


स्टूडेंट्स को चारों तरफ मच रहे बवाल के बीच ये सलाह दी जाती है कि किसी भी गलत तरीके या शॉर्टकट के फेर में न पड़ें. न तो नकल की न पेपर लीक की और न ही किसी और से परीक्षा दिलवाने जैसी हकरत करने की सोचे भी. कई मामलों में सजा बहुत गंभीर है जिसमें जेल और तगड़ा जुर्माना लगता है. 


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