JEE Main Eligibility Criteria Relaxed: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जेईई मेन में एडमिशन के लिए 12वीं में 75 प्रतिशत अंक होने की पात्रता में कुछ ढ़ील दी है. अब उन छात्रों के अलावा जिनके बारहवीं में 75 प्रतिशत अंक हैं हर स्टेट बोर्ड के टॉप 20 पर्सेंटाइल लाने वाले छात्र भी एडमिशन के लिए योग्य माने जाएंगे. इन टॉप 20 छात्रों का स्कोर अगर 75 प्रतिशत नहीं भी है लेकिन उन्होंने अपने बोर्ड में टॉप 20 पर्सेंटाइल पाने वाले छात्रों में जगह बनाई है तो वे जेईई मेन के अंतर्गत आने वाले टॉप इंस्टीट्यूटस में एडमिशन ले सकते हैं.


यहां मिलता है एडमिशन


बता दें कि देश के बड़े इंजीनियरिंग संस्थान जैसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और दूसरे सेंट्रली फंडेड टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स में जेईई मेन यानी ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जाम के स्कोर के आधार पर एडमिशन मिलता है.


इस बाबत एनटीए ने कहा कि उन्हें क्लास 12वीं में 75 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता को बदलने के संबंध में कई प्रार्थनाएं मिल रही थी.


इसलिए बदला नियम


छात्रों द्वारा मिल रही रिक्वेस्ट को देखते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने पात्रता में कुछ बदलाव करने की बात कही. इसके लिए अब क्लास बारहवीं में 75 प्रतिशत अंकों के साथ ही टॉप पर्सेंटाइल में जगह बनाने वाले कैंडिडेट्स एडमिशन के पात्र माने जाएंगे. एजेंसी ने कहा कि छात्रों द्वारा मिल रही प्रार्थनाओं को देखते हुए उन्होंने एलिजबिलिटी क्राइटेरिया बदला है.


क्या कहना है एजेंसी का


इस बाबत नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का कहना है, ‘उन उम्मीदवारों के लिए जो एनआईटी, आईआईआईटी और दूसरे सीएफटीआई में प्रवेश के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं, जिनके प्रवेश जेईई (मुख्य) रैंक पर आधारित हैं, उन्हें कक्षा 12 की परीक्षा में कम से कम 75% अंक प्राप्त करने चाहिए या संबंधित बोर्डों द्वारा आयोजित कक्षा 12 की परीक्षा में शीर्ष 20 पर्सेंटाइल में होना चाहिए.’ एससी, एसटी कैंडिडेट्स के लिए ये 65 प्रतिशत तय किया गया है.


दो साल बाद वापस आया नियम


एनटीए ने दो साल बाद इस नियम को वापस लागू किया है. कोरोना के दो सालों में क्लास 12वीं में 75 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता खत्म कर दी गई थी. हालांकि छात्रों ने मांग की थी कि इस साल के लिए उन्हें इस नियम से मुक्त रखा जाए.


इस बीच हाई कोर्ट में दाखिल याचिका जिसमें जेईई मेन पोस्टपोन करने की बात कही गई थी को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस महीने होने वाली परीक्षा को आगे बढ़ाने की छात्रों की मांग को नहीं माना गया है.


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