भारत की चिकित्सा शिक्षा का इतिहास बेहद पुराना और समृद्ध है. आधुनिक चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भारत ने काफी तरक्की की है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का सबसे पहला मेडिकल कॉलेज कौन सा है? इसका नाम सुनकर आप हैरत में पड़ सकते हैं. यह कॉलेज है कोलकाता मेडिकल कॉलेज, जिसे भारत का सबसे पहला और सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज माना जाता है. इसकी स्थापना 1835 में ब्रिटिश शासन के दौरान की गई थी.



कोलकाता मेडिकल कॉलेज की स्थापना 28 जनवरी 1835 को की गई थी. उस समय भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था और अंग्रेजों को महसूस हुआ कि भारतीय समाज में आधुनिक चिकित्सा शिक्षा की जरूरत है. इसका मुख्य उद्देश्य भारतीयों को पश्चिमी चिकित्सा पद्धतियों से अवगत कराना और उन्हें प्रशिक्षित करना था, ताकि वे ब्रिटिश सेना और नागरिक सेवाओं के लिए चिकित्सक के रूप में काम कर सकें. इस कॉलेज की स्थापना के पीछे सबसे बड़ा योगदान उस समय के गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिंक का था, जिन्होंने भारत में कई सुधार लागू किए थे.



ब्रिटिश शासन और चिकित्सा शिक्षा


उस समय भारत में ज्यादातर चिकित्सा पद्धतियां आयुर्वेद, यूनानी और सिद्धा जैसी पारंपरिक पद्धतियों पर आधारित थीं. लेकिन ब्रिटिश हुकूमत ने आधुनिक यूरोपीय चिकित्सा पद्धति को भारतीय चिकित्सा शिक्षा में शामिल किया. कोलकाता मेडिकल कॉलेज भारत में पहला ऐसा संस्थान था, जहाँ यूरोपीय पद्धति से चिकित्सा शिक्षा दी जाने लगी. यहां पर पहली बार एनाटॉमी, सर्जरी, और फिजियोलॉजी जैसे विषयों को पढ़ाया गया. शुरुआत में केवल पुरुष छात्रों को ही प्रवेश मिलता था और सभी पाठ्यक्रम अंग्रेजी में होते थे.



महिलाओं का प्रवेश और बदलाव


कोलकाता मेडिकल कॉलेज में शुरू में केवल पुरुष छात्रों को ही दाखिला दिया जाता था. लेकिन समय के साथ सामाजिक और शैक्षणिक सुधारों के चलते महिलाओं के लिए भी दरवाजे खुले. यह एक बड़ा बदलाव था, जिसने भारतीय समाज में महिलाओं की शिक्षा और उनके अधिकारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया.

कोलकाता मेडिकल कॉलेज की पहचान


कोलकाता मेडिकल कॉलेज की पहचान न केवल भारत में बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में की जाती है. यहां से पढ़ाई कर चुके डॉक्टरों ने न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में चिकित्सा के क्षेत्र में अहम योगदान दिया है.



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