Open Book Examination: क्या होती है ओपन बुक परीक्षा? आइये जानें विस्तार से
Open book examination: कोरोना वायरस कोविड-19 के चलते कुछ विश्वविद्यालयों ने ओपन बुक परीक्षा प्रणाली से यूजी फाइनल ईयर तथा पीजी फाइनल ईयर परीक्षा करवाने का फैसला किया है.
DU Open book examination 2020: कोरोना काल में स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद हैं ऐसे में स्टूडेंट्स की परीक्षाएं कैसे हों? यह एक विकट समस्या थी. विशेषकर स्नातक और परास्नातक के फाइनल ईयर परीक्षाओं के लिए. इसी समस्या के समाधान के लिए ओपन बुक परीक्षा प्रणाली को अपनाई जा रही है. इसी के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय ने यूजी के फाइनल ईयर की परीक्षा को ओपन बुक परीक्षा प्रणाली से करवाने का फैसला लिया है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फैसले से सभी स्टूडेंट्स के मन में ओपन बुक परीक्षा के बारे में उत्सुकता बढ़ गई. हलांकि इसके बारे में कुछ स्टूडेंट्स अच्छा मान रहें हैं तो कुछ इसे सही नहीं मान रहें हैं.
क्या है ओपन बुक परीक्षा : ओपन-बुक परीक्षा प्रणाली में परीक्षार्थियों को सवालों के जवाब देते समय अपने पाठ्य पुस्तकों, नोट्स और अन्य स्वीकृत सामग्री की मदद लेने की अनुमति होती है. छात्र अपने घरों में बैठकर वेब पोर्टल से अपने-अपने पाठ्यक्रम के प्रश्न पत्र डाउनलोड करेंगे और सवालों के जवाब उत्तर-पुस्तिका में लिखकर भेजेंगे.
ये है ओपन बुक परीक्षा के मॉडल
ओपन बुक परीक्षा मॉडल में परीक्षाएं दो प्रकार से आयोजित की जाती हैं. पहली ओपन बुक परीक्षा मॉडल में परीक्षार्थियों को विश्वविद्यालय परिसर में ही आने के लिए कहा जाता है. वहां पर उन्हें पेपर दे दिए जाते हैं. स्टूडेंट्स परीक्षा देते समय अपने पाठ्य पुस्तकों और अन्य सामग्री जो पेपर को हल करने में मददगार हो, का उपयोग कर सकते हैं.
दूसरा मॉडल यूरोप के कुछ देशों में काफी लोकप्रिय है. वहां परीक्षार्थी को एक तय समय पर ऑनलाइन पेपर सेट भेजे जाते हैं. परीक्षार्थी विशेष लॉग इन के जरिए संस्थान के विशेष पोर्टल पर जाकर परीक्षा देते हैं. परीक्षा के दौरान वे पाठ्य पुस्तकों, गाइड, नोट्स और अन्य सहायक सामाग्री का इस्तेमाल कर सकते हैं. समय ओवर होते ही स्टूडेंट्स ऑटोमैटिक पोर्टल से लॉग आउट हो जाते हैं. इस प्रकार निश्चित समय में स्टूडेंट्स की कॉपी संस्थान के पास पहुंच जाती है. जिसका मूल्यांकन कर रिजल्ट घोषित किया जाता है.
बदल जाता है प्रश्नों का स्वरूप
कतिपय बुद्धिजीवियों का मानना है कि इस परीक्षा में कोई बुराई नहीं है परन्तु इसमें प्रश्नों का स्वरूप बदल जाएगा. ऐसे में अधिकतर सवाल विचारात्मक श्रेणी के होते हैं जिनका उत्तर देते समय तथ्यात्मक जानकारी की कम आवश्यकता होती है. यही कारण कि परीक्षा देते समय, साथ में पाठ्य पुस्तकें होने के बाद भी परीक्षार्थी नक़ल नहीं कर सकते हैं.
छात्र कर रहें हैं इसका विरोध
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र ओपेन बुक टेस्ट के खिलाफ हैं। दिल्ली विश्वविद्याय छात्र संघ ने भी इस पर अपनी आपत्ति जताई है.
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