पाकिस्तान की गरीबी अब छात्रो के लिए बनी शामत... पढ़ाई छोड़ बच्चे कर रहे मजदूरी
पाकिस्तान को अगले 12 महीनों में करीब 22 अरब डॉलर और साढ़े तीन साल में कुल 80 अरब डॉलर वापस करना है, जबकि इसका विदेशी मुद्रा भंडार केवल 3.2 अरब डॉलर है और इसकी आर्थिक विकास दर महज दो फीसदी है.
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पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इस वक्त पाताल लोक में चली गई है. लोग वहां जिंदगी जीने के लिए जो रोज की जरूरी चीजें होती हैं, उसे भी नहीं खरीद पा रहे हैं. इस गरीबी और भुखमरी का असर पाकिस्तान में हर तबके पर हुआ है. यही वजह है कि वहां अब स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी अपनी शिक्षा छोड़ने पर मजबूर हैं. इसकी मुख्य वजह है स्कूलों का बढ़ता फीस और बच्चों के पैरेंट्स की घटती आमदनी. महंगाई को देखते हुए बच्चे अब छोटी उम्र में पढ़ाई लिखाई छोड़ कर काम करने निकल गए हैं.
क्या कहती है रिपोर्ट
अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी एफपी ने हाल ही में पाकिस्तान में बच्चों के स्कूली शिक्षा पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे बच्चे अपनी पढ़ाई छोड़ कर अपने घर का खर्च चलाने के लिए काम करने पर मजूबर हैं. इस रिपोर्ट में एएफपी ने एक लड़की नादिया की कहानी बताते हुए लिखा है कि नादिया की उम्र 16 साल है और एक स्कूल में पढ़ाई करती थी. लेकिन पाकिस्तान में महंगाई के चरम पर पहुंचने के बाद उसके पैरेंट्स का घर खर्च चलाना मुश्किल हो गया. यही वजह रही कि नादिया अब अपनी पढ़ाई छोड़ कर अपनी मां के साथ दूसरों के घरों में नौकरानी के काम में लग गई. नादिया की तरह पाकिस्तान में कई लड़कियां हैं जिन्होंने अब अपनी पढ़ाई छोड़ दी है.
कर्ज के चलते बढ़ रही महंगाई
पाकिस्तान इस समय पूरी तरह से कर्ज में डूबा है. पाकिस्तान की सरकार 6.5 अरब डॉलर के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष खैरात की एक और किश्त पाने और डिफॉल्ट से बचने के लिए भारी टैक्स और उपयोगिता मूल्य में वृद्धि करने की आवश्यकता है. आपको बता दें आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान को अगले 12 महीनों में करीब 22 अरब डॉलर और साढ़े तीन साल में कुल 80 अरब डॉलर वापस करना है, जबकि इसका विदेशी मुद्रा भंडार केवल 3.2 अरब डॉलर है और इसकी आर्थिक विकास दर महज दो फीसदी है.
चीन करेगा मदद
पाकिस्तान मदद के लिए दुनियाभर के बड़े देशों के पास गया और हर जगह से उसे मदद नहीं मिली.लेकिन अब चीन उसकी मदद करने को तैयार हो गया है. कंगाल पाकिस्तान को चीन 70 करोड़ डॉलर का कर्ज देगा. यह राशि उसे अगले हफ्ते तक मिलने की संभावना है. पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, चीन और पाकिस्तान के बीच 70 करोड़ डॉलर के कर्ज को लेकर फिलहाल सहमति बनी है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज न मिलने तक की सूरत में यह पाकिस्तान के लिए बड़ी राहत लेकर आया है.
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