हमारे देश में सिविल सेवा में जाने का एक अलग ही क्रेज है. लोगों का सपना होता है कि वे सिविल सेवा की परीक्षा पास करके IAS और PCS बनते हैं. IAS और IPS बनने के लिए हर साल करीब लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में भाग लेते हैं, लेकिन उनमे से कुछ ही अभ्यर्थी इस परीक्षा को पास कर पाते हैं. इस परीक्षा में पास हुए छात्रों को इंटरव्यू होता है, जिसका बाद उनका चयन किया जाता है. ये तो रही छात्रों की बात कि वो IAS और IPS कैसे बन सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक पीसीएस अधिकारी कैसे आईपीएस बन सकता है और इनके प्रमोशन का नियम क्या होता है.


हाल ही में यूपी के 24 पीसीएस अधिकारियों को आईपीएस बनाया गया है. पीसीएस अधिकारी आईपीएस में प्रमोट होने के लिए एक लंबी और निर्धारित प्रक्रिया से गुजरते हैं. आमतौर पर, पीसीएस अधिकारी को आईपीएस बनने में लगभग 15-20 साल लग सकते हैं


ये होता है प्रोसेस


इस प्रमोशन की प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं. सबसे पहले तो पीसीएस अधिकारी को अपनी सेवा के दौरान उनको अच्छा प्रदर्शन करना होता है. इसके बाद, राज्य सरकार के जरिए एक स्क्रीनिंग कमेटी गठित की जाती है जो योग्य अधिकारियों का चयन करती है. इसका चयन निष्पक्ष और पारदर्शी होता है, जिसमें अधिकारी के सेवा रिकॉर्ड, कार्यक्षमता और अन्य मापदंडों को ध्यान में रखा जाता है.


प्रमोशन के नियम 


पीसीएस अधिकारी को कम से कम 8-10 साल की सेवा पूरी करनी होती है. इसके साथ ही प्रमोशन के समय अधिकारी की उम्र कम से कम 54 वर्ष से कम होनी चाहिए.प्रमोशन के लिए मौजूद पदों की संख्या भी महत्वपूर्ण होती है. हर साल इन पदों की संख्या के आधार पर प्रमोशन किया जाता है. इसके साथ ही अधिकारी का सेवा रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए, जिसमें कोई गंभीर कार्रवाई न हो.


प्रमोशन प्रक्रिया के दौरान राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर योग्य अधिकारियों की सूची तैयार करती है.  इस सूची को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाता है, जो अंतिम निर्णय लेता है. चयनित अधिकारियों को फिर आईपीएस कैडर में शामिल किया जाता है और उन्हें नई जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं.


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