Admissions 2020: Distance Education का कर रहे हैं चुनाव? पहले पता कर लें ये जरूरी बातें
एडमिशन के इस मौसम में अगर आप दूरस्थ शिक्षा का चुनाव कर रहे हैं तो किसी भी संस्थान या यूनिवर्सिटी में इनरोल कराने से पहले चेक कर लें कुछ जरूरी प्वॉइंट्स.
Admissions 2020, Points To Check Before Opting For Distance Education: अगर आप भी उन कैंडिडेट्स में से हैं जो किसी भी वजह से डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे तो नीचे दी जानकारियां आपके काम आ सकती हैं. दरअसल डिस्टेंस एजुकेशन का चुनाव करने से पहले कुछ बातों का पता कर लेना बहुत जरूरी होता है. यूं तो अक्सर ऐसा नहीं होता पर कई बार दूरस्थ शिक्षा के नाम पर स्टूडेंट्स को ठगा जाता है. बेहतर है डिस्टेंस एजुकेशन के किसी भी कोर्स में इनरोल कराने के पहले इन बिंदुओं पर गौर फरमा लें.
संस्थान की मान्यता
किसी भी यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट में इनरोल कराने से पहले ये देख लें कि वह गर्वनिंग बॉडी द्वारा मान्यता प्राप्त है या नहीं. उदाहरण के लिए डिस्टेंस एजुकेशन से किया जाने वाला कोई भी कोर्स डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए. इसी के साथ अगर आप डिग्री कोर्स ऑप्ट करते हैं तो वह यूजीसी से भी अप्रूव्ड होना चाहिए. कॉलेज या यूनिवर्सिटी का एफिलिएशन पूरी तरह चेक करके और संतुष्ट होकर ही कोर्स के लिए आवेदन करें. साथ ही चेक कर लें वहां का प्लेसमेंट रिकॉर्ड. देखें की आपसे पहले वहां से पढ़े स्टूडेंट्स को किस प्रकार का प्लेसमेंट मिला है, कौन सी कंपनियां वहां आती हैं और प्लेसमेंट सुविधा है भी या नहीं. कुल मिलाकर आपके संस्थान की डिग्री की पूछ है या नहीं यह जानना बहुत जरूरी है.
फैकल्टी
अगला दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु है फैकल्टी. जिस संस्थान में आप एडमीशन लेने जा रहे हैं, वहां की फैकल्टी कैसी है, उन्होंने अपनी स्टडीज कहां से कंप्लीट करी हैं यह जानना बहुत जरूरी है. इसके साथ ही जरूरी है यह पता करना कि उन्हें कितना अनुभव है. कई बार बहुत से संस्थानों में डिग्री कंप्लीट करने वाले न्यूकमर्स को ही कम पैसे में फैकल्टी के तौर पर अप्वॉइंट कर लिया जाता है. इन्हें न टीचिंग का अनुभव होता है, न ही ज्ञान. चूंकि प्रक्रिया डिस्टेंस एजुकेशन की होती है इसलिए अधिकतर जगहों पर लोग कैसे भी मैनेज कर लेते हैं क्योंकि सामने से स्टूडेंट देखने नहीं आ रहे कि उन्हें कौन पढ़ा रहा है. और तो और कई बार स्टूडेंट विजिट के समय पर कुछ खास अनुभवी लोगों को लाकर स्टूडेंट्स से मिला दिया जाता है लेकिन जब क्लास शुरू होती है तो वे नहीं दिखते इसलिए यह भी देख लें कि फैकल्टी परमानेंट है या टेम्परेरी.
कोर्स स्ट्रक्चर
जो भी कोर्स आप ज्वॉइन करना चाह रहे हैं, उसके स्ट्रक्चर के बारे में पहले पूरा पता कर लें. कई बार कोर्स कंटेंट एकदम सतही होते हैं, जिन्हें पढ़कर आप केवल एक फॉर्मल डिग्री लेने से ज्यादा कुछ नहीं कर सकते. क्युरिकुलम अप-टू-डेट होना भी बहुत जरूरी है, जिसमें समय समय पर नयी चीजें डिमांड के हिसाब से जोड़ी गयी हों. पढ़ाने के लिए नये तरीकों नये पैटर्न को फॉलो किया जाता हो. जैसे पूरे कोर्स के दौरान कोर्स की मांग के अनुरूप कितने सेमिनार, वर्कशॉप, फील्ड विजिट, प्रोजेक्ट, असाइनमेंट्स, गेस्ट विजिट आदि कराए जा रहे हैं, कराए भी जा रहे हैं या नहीं. टीचर कितना उपलब्ध रहता है, आपकी क्वैरीज को कितने समय में सॉल्व किया जाता है, यह सब पता कर लें. इसकी अच्छी जानकारी आपको उन स्टूडेंट्स से भी मिल जाएगी जो वहां के पास-आउट हैं. पुराने बैच के स्टूडेंट्स से अच्छा फीडबैक आपको कोई नहीं दे सकता.
इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजिकली इक्विपड संस्थान
यहां इंफ्रास्ट्रक्चर से मतलब बिल्डिंग से या कैम्पस से न होकर कोर्स की संपन्नता से है, ऑनलाइन क्लास चलाने के लिए जरूरी संसाधनों से है. आप जहां एडमिशन लेने जा रहे हैं, वहां के लैब टेक्नोलॉजिकली कितने साउंड हैं, उनके यहां ऑनलाइन क्लास सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या व्यवस्थाएं हैं, यह सब पता करना आवश्यक है. इसके साथ ही ऑनलाइन लाइब्रेरी है या नहीं, आपके द्वारा चुने गए कोर्स का स्टडी मैटीरियल कैसा है, टेस्ट कैसे होते हैं और टेस्ट पेपर्स का स्टैंडर्ड क्या है, सेमिनार और वर्कशॉप होती हैं कि नहीं, यह सब पता करना बहुत जरूरी है.
कितना फ्लेक्सिबल है आपका संस्थान
सामान्य तौर पर कैंडिडेट डिस्टेंस एजुकेशन तभी चुनता है जब उसके पास रेग्यूलर कोर्स के लिए समय की कमी या साथ ही कोई दूसरी जिम्मेदारी होती है. ऐसे में यह चेक कर लें कि आपका संस्थान परीक्षा लेने से लेकर, क्लास कंडक्ट कराने तक कितना फ्लेक्सिबल है. बहुत कड़े नियमों के साथ आप बहुत दिनों तक मैनेज नहीं कर पाएंगे. यही फ्लेक्सबिलिटी फी स्ट्रक्चर के साथ भी होनी चाहिए. पेमेंट ऑप्शंस पर भी नजर डाल लें. इसके साथ ही क्या वे इंस्टॉलमेंट्स की सुविधा देते हैं, क्या पार्ट पेमेंट हो सकता है, यह सब देख लें.
अंत में बस इतना ही कि आसान रास्ते पर चलने के लिए किसी भी डिस्टेंस एजुकेशन कॉलेज में एडमिशन न लें. थोड़े नामी और प्रतिष्ठित ओपेन स्कूल जैसे इग्नू, सिम्बायोसिस आदि प्रवेश परीक्षा लेंगे, जिसके लिए आप मेहनत करें पर किसी स्तरीय संस्थान का ही चुनाव करें. हालांकि डिस्टेंस एजुकेशन चुनने के पीछे कई कारण होते हैं पर एंट्रेंस एग्जाम से घबराकर कोई भी संस्थान न चुनें आखिर यह आपके भविष्य का सवाल है.
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