पॉलिटेक्निक को इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के रूप में भी जाना जाता है. ये एक ऐसा प्रोफेशनल कोर्स माना जाता है जिसमें टेक्निकल एजुकेशन की फील्ड में थियोरिटिकल की बजाय प्रैक्टिकल नॉलिज दी जाती है. कई छात्र इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए 10वी या 12वीं पूरी करने के बाद पॉलिटेक्निक का ऑप्शन चुनते हैं. पॉलिटेक्निक डिप्लोमा का बड़ा फायदा ये है कि इसके बाद सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में जॉब्स के ढेरो ऑप्शन होते हैं. यानी सरकारी नौकरी के लिए तो अप्लाई किया ही जा सकता है वहीं प्राइवेट जॉब्स भी आसानी से मिल जाती है. हालांकि किसी भी बड़ी कंपनी में अच्छी पोजिशन और करियर ग्रोथ के लिए पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करने के बाद ग्रेजुएशन की डिग्री या इंजीनियरिंग करना फायदेमंद रहता है.
पॉलिटेक्निक में कई कोर्स हैं. प्रत्येक कोर्स विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के व्यापक अवसर प्रदान करता है. पॉलिटेक्निक के बाद कंपनी में ट्रेनी इंजीनियर के रूप में नौकरी मिलती है इसके बाद अट्रैक्टिव सैलरी पर डिपार्टमेंट मैनेजर के तौर पर प्रमोशन मिल जाता है.
अगर कोर्सेज की बात करें तो पॉलिटेक्निक में कई टेक्नीकल कोर्स पॉपुलर हैं जिन्हें करने के बाद नौकरी के लिए अप्लाई किया जा सकता है.
1-डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग
सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद छात्र कंस्ट्रक्शन, प्लानिंग, सर्वे, डिजायनिंग और ड्राफ्टिंग से संबंधित थ्योरी और प्रैक्टिल नॉलेज गेन करते हैं. इस डिप्लोमा को करने के बाद छात्र क्लेरिकल पोस्ट या टेक्नीशियन की सरकारी नौकरी की तैयारी कर सकते हैं, इसके अलावा इस डिप्लोमा को करने के बाद किसी भी कंस्ट्रक्शन कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर, फील्ड इंस्पेक्टर, क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर, स्टोर इंचार्ज या साइट इंजीनियर जैसे प्रोफाइल के लिए अप्लाई कर सकते हैं. डिप्लोमा होल्डर कंस्ट्रक्शन कंपनी जैसे जेपी, यूनिटेक, डीएलएफ,, जीएमआर इंफ्रा और बाकी कंपनियों में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
2- डिप्लोमा इन ऑटोमोबिल इंजीनियरिंग
ऑटोमोबिल इंजीनियरिंग में छात्र ऑटोमोबिल इंडस्ट्री में होने वाली मैनुफैक्चरिंग, डिजायनिंग, मैकेनिकल मैकेनिज्म की स्किल्स सीखते हैं जिससे उनको इस फील्ड में नौकरी मिलने में आसानी रहती है. इस डिप्लोमा के बाद बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी जैसे मारुति सुजुकी, टोयोटा, टाटा मोटर्स, महिंद्रा, बजाज ऑटो में काम मिल जाता है.
3-डिप्लोमा इन कंप्यूटर इंजीनियरिंग
कंप्यूटर इंजीनियरिंग पॉलिटेक्निक में सबसे पॉपुलर स्ट्रीम है. कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल ने इस स्ट्रीम को सबसे ज्यादा डिमांडिंग बना दिया है. कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद कईबड़ी आईटी कंपनी जैसे विप्रो, टीसीएस, एचसीएल, इंफोसिस और बाकी कंपनियों में एंट्री लेवल पर जॉब्स मिल जाती हैं. इनके अलावा भी कई सेक्टर्स में इस कोर्स के बाद नौकरी मिल जाती है.
4-डिप्लोमा इन इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्युनिकेशन
इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्युनिकेशन में छात्रों को डिवाइस और इक्विपमेंट जो इलेक्ट्रिसिटी से चलते हैं उनसे संबंधित सब्जेक्ट पढ़ाये जाते हैं. ये कोर्स इलेक्ट्रोनिक डिवासिस के अलावा नेटवर्किंग, कंप्यूटर बेसिक्स, और कम्यूनिकेशन के कॉन्सेप्ट पर बेस है. इस डिप्लोमा के बाद रिलायंस कम्युनिकेशन, वोडाफोन, बीएसएनएल, एमटीएनएल, भारती एयरटेल जैसी कंपनियों में नौकरी मिल जाती है.
5-डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
पॉलिटेक्निक में एक पॉपुलर डिप्लोमा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का भी है जिसमें इलेक्ट्रिसिटी, इलेक्ट्रोमेग्नेटिज्म और इलेक्ट्रोनिक्स से रिलेटेड सब्जेक्ट पढ़ाये जाते हैं. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा करने के बाद इलेक्ट्रिक डिजायनर इंजीनियर बन सकते हैं जिसका काम इलेक्ट्रिकल डिवाइस में सर्किट डिजायन और सिमुलेशन देखना है. इसके अलावा प्राइवेट कंपनियों में जूनियर इंजीनियर का जॉब कर सकते हैं जिनका काम इलेक्ट्रिकल सर्किट को मेंटेन और रिपेयर करना है. इसके अलावा फील्ड इंजीनियर की नौकरी भी है जिनका काम साइट्स पर इलेक्ट्रिसिटी का मेंटिनेंस और रिपेयरिंग वर्क करना है. इस डिप्लोमा के बाद इलेक्ट्रिकल और पावर फर्म जैसे टाटा पावर, बीएसईएस, सीमेंस, एलएंडटी में जॉब मिल जाती है.
6-डिप्लोमा इन इंटीरियर डेकोरेशन
इंटीरियर डिजायनिंग का डिप्लोमा इंजीनियरिंग विंग से नहीं जुड़ा लेकिन पॉलिटेक्निक में ये डिप्लोमा भी काफी पॉपुलर है. आजकल होम डेकोरेशन और इंटीरियर डिजायनिंग ट्रेंडिंग इंडस्ट्री हैं इसलिए अगर पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा इन इंटीरियर डेकोरेशन कर लिया जाये तो फ्यूचर काफी ब्राइट है.
सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में पॉलिटेक्निक कोर्स के बाद अपार संभावनाएं
पॉलिटेक्निक कोर्स पूरा करने के बाद सरकारी फील्ड या प्राइवेट फील्ड में करियर के कई अवसर उपलब्ध हैं. कुछ कंपनियां इंजीनियरिंग छात्रों के बजाय पॉलिटेक्निक छात्रों की भर्ती करना भी पसंद करती हैं. डिप्लोमा कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद छात्र बीटेक (द्वितीय वर्ष) में लेटरल एंट्री भी ले सकते है.
सरकारी व प्राइवेट सेक्टर में पॉलिटेक्निक के बाद यहां हैं मौके
भारतीय रेल, BHEL,एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, पावर ग्रिड, बिजली विभाग
वहीं निजी क्षेत्र में आप अपने क्षेत्र से संबंधित बॉम्बे डाइंग, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, एचसीएल, इंफोसिस, सीमेंस आदि कंपनियों में नौकरी पा सकते हैं। इन कंपनियों में एंट्री लेवल पर आप लगभग 10,000 रुपये कमा सकते हैं. पॉलिटेक्निक इंजीनियर्स प्रोडक्ट डेवलपर, सर्विस इंजीनियर, असिस्टेंट डिजाइनर, एनालिस्ट, जूनियर इंजीनियर, एग्जीक्यूटिव आदि के तौर पर काम करते हैं. आप कॉलेज में लैब असिस्टेंट के तौर पर भी काम कर सकते हैं. खाड़ी देशों में पॉलिटेक्निक इंजीनियरों के लिए भी करियर के बेहतरीन अवसर हैं.
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