वैसे तो 12वीं तक छात्रों के दिमाग में ये साफ हो जाता है कि इसके बाद आगे क्या करना है. ज्यादातर छात्र 12वीं में ऐसे सब्जेक्ट चुनते हैं जो उनके करियर के लिए जरूरी हैं. 12वीं में ही स्टूडेंट अपने करियर की प्लानिंग कर लेते हैं. लेकिन अगर 12वीं में किसी वजह से आपने जो स्ट्रीम चुनी वो आपकी पसंद की नहीं या फिर उस स्ट्रीम से संबंधित करियर बनाना नहीं चाहते हैं तो आपके पास ग्रेजुएशन लेवल पर एक मौका और है. ग्रेजुएशन में आप अपनी रुचि के मुताबिक और जो आपका टेलेंट है उसके अनुसार कोई डिग्री कोर्स या डिप्लोमा कर सकते हैं. साइंस और कॉमर्स वाले छात्रों के पास ग्रेजुएशन लेवल पर थोड़े ज्यादा ऑप्शन होते हैं क्योंकि वो अपनी स्ट्रीम के अलावा दूसरी स्ट्रीम में भी जा सकते हैं. हालांकि आर्ट के छात्रों के लिए विकल्प थोड़े लिमिटेड होते हैं क्योंकि वो साइंस या कॉमर्स वाले स्ट्रीम नहीं चुन सकते लेकिन फिर भी आर्ट साइड में भी अच्छे करियर ऑप्शंस की कमी नहीं.
इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग
सिविल इंजीनियरिंग
केमिकल इंजीनियरिंग
मेकेनिकल इंजीनियरिंग
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
इन टॉप इंजीनियरिंग ब्रांच के अलावा कई दूसरी ब्रांच भी है जो इंजीनिरिंग में फेमस हैं.एमबीबीएस- पूरी दुनिया में डॉक्टर्स की जॉब बहुत ही सम्मान की नजर से देखी जाती है. डॉक्टर बनने पर सैलरी तो अच्छी मिलती ही है साथ ही समाज में रिसपेक्ट भी बहुत होती है. आज भी लाखों युवाओं का सपना होता है एमबीबीएस करने का. मेडिकल साइंस की पढ़ाई काफी टफ और लंबी है इसलिए डॉक्टर बनना हर किसी के बस की बात नहीं. जो छात्र 12वीं में बायलॉजी लेते हैं वो डॉक्टर ही बनना चाहते हैं. अगर किसी वजह से से एमबीबीएस में सलेक्शन ना हो पाये तो बायलॉजी वाले स्टूडेंट्स को निराश होने की जरूररत नहीं. आज मेडिकल फील्ड बहुत ही वाइड है और इसमें डॉक्टर के अलावा बहुत सारे ऐसे अच्छे प्रोफाइल हैं जिनके लिए अप्लाई किया जा सकता है. एमबीबीएस के अलावा डेंटल, हॉम्योपैथी, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी , नर्स, फिजियोथेरपिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, और बाकी पैरा मेडिकल का बड़ा फील्ड है जिसमें करियर बनाया जा सकता है. एमबीबीएस करने के लिए नीट का एग्जाम में आये नंबरों के आधार पर बनी मेरिट से कॉलेज में एडमिशन होता है.
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