क्या होती है एक आईपीएस ऑफिसर की पावर? जानें
क्राइसिस के समय सोसाइटी में लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने की पूरी जिम्मेदारी एक आईपीएस ऑफिसर की होती है. इनका अधिकार क्षेत्र और जिम्मेदारियों का दायरा काफी बड़ा है, आइये डालते हैं एक नजर.
Powers Of An IPS Officer: आईपीएस अधिकारी किसी भी क्षेत्र में लॉ एंड ऑर्डर स्थापित करने में अभूतपूर्व भूमिका निभाते हैं. ये भारतीय पुलिस सेवा का अति महत्वपूर्ण अंग होते हैं और इंडियन पुलिस सर्विस का इंडियन डेमोक्रेसी में क्या महत्व है यह कहने की आवश्यकता नहीं है. इस पद का मिलना अपने आप में किसी अचीवमेंट से कम नहीं. चूंकि यह पद जितना महत्वपूर्ण होता है, उतनी ही इसकी जिम्मेदारियां भी होती हैं और शक्तियां भी. आज जानते हैं एक आईपीएस ऑफिसर की पावर के बारे में.
आईपीएस ऑफिसर राज्य स्तर पर सभी सुपरिटेंडेंट्स ऑफ पुलिस (एसपी) और डेप्यूटी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (डीएसपी) का हेड होता है. इसके अलावा, एक आईपीएस जिले के समग्र कामकाज का प्रभारी होता है और उसके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का हिस्सा होता है कि पुलिसिंग प्रणाली में थोड़ी सी भी गड़बड़ी या खराबी न आये और ऐसा होने पर उसे हल करता है. यूं तो एक आईपीएस अधिकारी की जिम्मेदारियों की फेहरिस्त काफी लंबी है पर आज हम कुछ जरूरी बिंदुओं का उल्लेख करेंगे.
प्राइमरी पावर –
आईपीएस ऑफिसर का मुख्य कार्य है, उनके अधिकार क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा. राज्य स्तर पर वे आईएएस ऑफिसर के साथ मिलकर लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने का जिम्मा उठाते हैं.
क्राइम रोकना, क्राइम की तहकीकात करना, एक्सीडेंट्स रोकना और उन्हें मैनेज करना, कैश के ट्रांसपोर्टेशन को सुरक्षा देना, चोरी हुए सामान की रिकवरी देखना और रैलीज़ आदि में लाउडस्पीकर की आज्ञा देना, यह सब कार्य इनके अंडर आता है.
सभी सिक्योरिटी कमांड्स को लीड करते हैं ये –
आईपीएस ऑफिसर सेंट्रल पुलिस ऑर्गेनाइजेशंस जैसे सतर्कता संगठन, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, खुफिया ब्यूरो, सीबीआई, बीएसएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सीआरपीएफ आदि को कमांड करते हैं. यही नहीं आईपीएस अधिकारी सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो), सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल), एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड), आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो), बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के कमांडर की भूमिका भी निभाते हैं.
राज्य में शांति व्यवस्था बनाये रखना और वीआईपीज़ को सुरक्षा देना –
आईपीएस अधिकारी कि जिम्मेदारी होती है कि वे राज्य में शांति व्यवस्था बनाये रखें और इसके लिये जो भी जरूरी निर्णय हैं, वे ले सकते हैं.
आपदाओं के समय व्यवस्था संभालना –
किसी भी आपदा के समय उसके कारण का पता लगाना और यह देखना कि हालात कैसे भी हों शांति व्यवस्था भंग न हो, भी इनका ही कार्य होता है. जैसे दंगों आदि के समय ये आर्म्ड फोर्सेस के साथ मीटिंग करके शांति बनाये रखने के लिये हर संभव कदम उठाते हैं. यही नहीं इनके कार्यक्षेत्र में यह भी आता है कि पब्लिक लॉ का ठीक तरह से पालन करे, फिर चाहे ये नियम पर्यावरण संबंधी हो, ट्रैफिक संबंधी या किसी और क्षेत्र के.
पुलिस फोर्स और आर्मी को करते हैं कमांड –
आईपीएस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होता है कि उनके क्षेत्र में संपत्तियों या लोगों को कोई शारीरिक या आर्थिक नुकसान न हो. ऐसा करने के लिए उन्हें सक्रिय रहना होता है. साथ ही इस काम के लिये वे स्थानीय पुलिस सेवाओं का सहयोग करते हैं.
यही नहीं एक आईपीएस अधिकारी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों की कमान संभालने के लिए जिम्मेदार होते हैं. जब विशेष उद्देश्यों के लिए क्षेत्र में सेना तैनात की जाती है, ऐसे में उन्हें कुछ समय के लिए भारतीय सेना के साथ कोऑर्डिनेट करना और काम करना पड़ता है.
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