परीक्षा के दौरान परीक्षार्थी पर ज्यादा दबाव पड़ना आम बात है, चाहे वो बोर्ड की परीक्षा हो या किसी का एंट्रेंस एग्जाम या वो कोई प्रतियोगी परीक्षा की, सभी उसकी तैयारी अभ्यर्थी अपने बेस्ट तरीके से करते हैं हालांकि, कई बार अभ्यर्थियों की उनकी मेहनत के मुताबिक रिस्पॉन्स नहीं मिल पाता है. ऐसे हालत में परेशान होने के बजाय अभ्यर्थियों को अपनी गलतियों पर ध्यान देना चाहिए. किसी भी नेगेटिव रिव्यू को अपनी सफलता की राह में अभ्यर्थी न आने दे.


हर परीक्षा में हजारों-लाखों अभ्यर्थी भाग लेते हैं. सभी का बैकग्राउंड एक दूसरे से अलग होता है. कुछ लोग काफी मुश्किलों भरे माहौल से भी आते हैं. कई बार परीक्षा की तैयारी के वक्त या परीक्षा के दौरान किसी के घर में कोई घटना हो जाती है, जिसका असर अभ्यर्थियों की परीक्षा पर भी पड़ जाता है. ऐसे में उस परीक्षा को पास कर पाना अभ्यर्थियों के लिए थोड़ा मुश्किल होता है.


यूपीएससी की परीक्षा, नीट परीक्षा, जेईई परीक्षा आदि को पहले ही प्रयास में पास हर अभ्यर्थी नहीं कर पाता है. कुछ लोग काफी अच्छे से तैयारी करने के बावजूद भी परीक्षा में असफल हो जाते हैं. इसका असर अभ्यर्थियों की मेंटल हेल्थ पर पड़ने लग जाता है. अगर अभ्यर्थी किसी भी परीक्षा में असफल हो जाए तो परेशान होकर उन्हें हार नहीं माननी चाहिए और अपनी कमजोरियों को समझने की कोशिश करनी चाहिए. किसी परीक्षा में असफल होने का अर्थ जिंदगी का खत्म होना नहीं होता है. अभ्यर्थी कुछ समय का ब्रेक लेकर अपनी तैयारी दोबारा से और मेहनत के साथ शुरू करें. किसी परीक्षा में असफल होना अभ्यर्थी की मेंटल हेल्थ पर भी फर्क डालता है.


ये हैं कुछ टिप्स
सोशल मीडिया से अभ्यर्थी कुछ समय का ब्रेक लें. किसी भी तरह के नेगेटिव माहौल या नेगेटिव लोगों के संपर्क में आने से बचें. अभ्यर्थी चाहें तो एक छोटी सी ट्रिप भी प्लान कर सकते हैं. अपनी कमजोरियों पर अभ्यर्थी काम करें. परीक्षा के सिलेबस और पैटर्न को अच्छी तरह से अभ्यर्थी समझ लें.


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