बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र के सभी प्राइवेट स्कूलों में राइट टू एजुकेशन (RTE) एक्ट के तहत स्टूडेंट्स को एडमिशन दिए जाएंगे. इससे पहले सरकार और प्राइवेट स्कूलों में विवाद के चलते स्टूडेंट्स को राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 के तहत एडमिशन नहीं मिल रहे थे.


24 अप्रैल को सुनाए गए अपने फैसले में कोर्ट ने स्कूलों को कहा था कि वह स्टूडेंट्स को एडमिशन देने से मना नहीं कर सकते. साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी हिदायत दी कि स्कूलों को एजुकेशन डिपॉर्टमेंट के नियमों के अंतर्गत बच्चों को एडमिशन देना होगा.


हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ''अगर स्कूल इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए.'' बता दें कि राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत देश के सभी प्राइवेट स्कूलों को अपनी 25% सीटों पर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को एडमिशन देना जरूरी है. लेकिन इस साल सरकार से पैसे ना मिलने के चलते राज्य के प्राइवेट स्कूलों ने इस कानून के तहत बच्चों को एडमिशन देने से मना कर दिया था.


महाराष्ट्र में पहले राउंड में 3,200 बच्चों की सीट एडमिशन के लिए कंफर्म की गई थी, पर उनमें से केवल 2,050 बच्चों को ही एडमिशन मिल पाया.


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