क्या हो सकते हैं डिस्टेंस लर्निंग के फायदे और नुकसान
डिस्टेंस लर्निंग से पढ़ाई करने वालों के लिये हम एक सूची लेकर आये हैं, जिसकी मदद से वो जान सकेंगे की डिस्टेंस लर्निंग के क्या फायदे हो सकते हैं और क्या नुकसान.
Pros & Cons Of Distance Learning: आज काफी समय से स्टूडेंट्स के बीच डिस्टेंस लर्निंग का क्रेज बहुत बढ़ा है. जो कैंडिडेट्स किसी कारण से रेग्यूलर पढ़ाई के लिये नहीं जा पाते, उन्हें डिस्टेंस लर्निंग का सहारा लेना पड़ता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि डिस्टेंस लर्निंग कितनी सही है और इसका चुनाव करते समय किस-किस प्रकार की परेशानियां आ सकती हैं. जैसा की किसी भी चीज के दो पहलू होते हैं डिस्टेंस लर्निंग के भी हैं. तो आज डालते हैं डिस्टेंस लर्निंग के अच्छे और बुरे दोनों पहलुओं पर नजर.
डिस्टेंस लर्निंग के फायदे –
जॉब या दूसरे कामों के साथ करें पढ़ाई भी –
कई बार कुछ स्टूडेंट्स को पढ़ाई के साथ दूसरे काम या नौकरी भी करनी पड़ती है. जैसे कई बार हाउस वाइफ भी कुछ नया कोर्स करना चाहती हैं, या अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं. ऐसे उम्मीदवारों के लिये डिस्टेंस लर्निंग एक रस्ता खोलती है. अन्यथा वे अपने वर्तमान शिड्यूल के साथ कभी पढ़ाई पूरी न कर पायें. इससे उनके काम भी होते रहते हैं और शिक्षा भी पूरी हो जाती है.
समय और पैसे की बचत –
अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें रोज़ ट्रैवल करना पसंद नहीं या जो किसी कारण से दिन के कई घंटे क्लास तक पहुंचने में नहीं बिता सकते उनके लिये यह फायदेमंद है. आपकी कक्षा खुद आपके पास आती है साथ ही स्टडी मैटेरियल भी ई-बुक्स के रूप में आपको आसानी से सुलभ हो जाता है.
इसके साथ ही डिस्टेंस लर्निंग कोर्सेस की फीस रेग्यूलर कोर्सेस की तुलना में कम होती है. जो कैंडिडेट्स कम खर्च में पढ़ाई करना चाहते हैं, उनके लिये यह एक अच्छा विकल्प है.
फ्री छोड़ती है डिस्टेंस लर्निंग –
डिस्टेंस लर्निंग आपको बांधती नहीं है, कि आपको इतने बजे, इन दिनों में क्लास पहुंचना है या किसी ड्रेस कोड को फॉलो करके, नियमों के अंडर क्लास लेनी है. डिस्टेंस लर्निंग से आप जहां से चाहें वहां से, जिस तरह चाहें वैसे पढ़ सकते हैं. जब इच्छा हो तब पढ़िये, कोई पाबंदी नहीं है. जब आप सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव होते हैं, उस समय को चुनिये, देर रात या एकदम सुबह. बस जब ऑनलाइन क्लास होती हैं, तब आपको उनके अनुसार समय में बंधना पड़ता है.
अपनी क्षमता के अनुसार सीखिये –
जब हम क्लास में पढ़ते हैं तो बहुत सारे स्टूडेंट्स को शिक्षक पढ़ा रहा होता है. किसी को कोई विषय जल्दी समझ आ जाता है तो कोई थोड़ा समय लेता है. लेकिन एक कक्षा के अंदर होने पर आपके और आपकी क्षमता के अनुसार शिक्षक आपका इंतजार नहीं कर सकते. डिस्टेंस लर्निंग में आप अपने लिये रुक सकते हैं. जब एक विषय समझ में आ जाये, उसके बाद आगे बढ़िये, यहां न किसी को देर हो रही है न कोई पीछे छूट रहा है, आप अपनी पर्सनल स्पीड के हिसाब से किसी विषय में ज्यादा तो किसी में कम समय लगा सकते हैं.
डिस्टेंस लर्निंग के नुकसान –
अभी भी नहीं है वह मान्यता –
जहां रेग्यूलर कोर्सेस को अभी भी इंप्लॉयर द्वारा हाथों-हाथ लिया जाता है, वहीं डिस्टेंस लर्निंग को अभी भी वह पहचान नहीं मिली है. हालांकि पहले से चीजें बेहतर हुईं हैं पर अभी भी रेग्यूलर कोर्सेस को ज्यादातर जगह तुलनात्मक ज्यादा महत्व दिया जाता है. जयादातर कैंडिडेट्स को सलाह यही होती है कि रेग्यूलर कोर्स कर सकते हैं तो डिस्टेंस लर्निंग न चुनें, अगर कोई मजबूरी नहीं है तो. खासतौर से कोर्स चुनते समय सभी बारिकियां देख लें क्योंकि ऑनलाइन बहुत धोखा होता है.
तकनीकी पर होती है बहुत निर्भरता –
डिस्टेंस लर्निंग के लिये स्टूडेंट्स को बहुत से इक्विमेंट्स जुटाने होते हैं, जैसे कंप्यूटर या लैपटॉप, अच्छा इंटरनेट कनेक्शन और भी बहुत कुछ. ऑनलाइन क्लास डिस्टर्ब न हो, इसका ध्यान रखना भी मुश्किल होता है. पावर कट न हो जाये, यूपीएस में कोई समस्या न हो, इंटरनेट न बंद हो न स्पीड कम हो जैसी बहुत सी चीजें देखनी पड़ती हैं. अगर कैंडिडेट तकनीकी रूप से साउंड नहीं हो तो भी उसके सामने समस्या आती है. आम क्लास की तुलना में यह क्लासेस थोड़ा जटिल होती हैं.
ध्यान-भंग होने की होती है बहुत संभावना –
अगर आप बहुत ही अनुशासित नहीं हैं तो डिस्टेंस लर्निंग में बार-बार ध्यान भंग होना या पढ़ाई को बाद के लिये टालने की बड़ी संभावना होती है. जब आप शिक्षकों के द्वारा नियम में नहीं बंधते तो खुद के प्रति बहुत कठोर होना पड़ता है, तभी समय से पढ़ाई पूरी हो पाती है. कुल मिलाकर पढ़ाई से ध्यान हटने की संभावना घर से पढ़ाई करने पर बहुत ज्यादा होती है.
डिस्टेंस लर्निंग में फैकल्टी भी होती है समस्या –
ऑनलाइन पढ़ाई कराते वक्त कई बार फैकल्टी उस मजबूती से अपनी बात कह नहीं पाती या समझा नहीं पाती जैसा कई बार सामने से कक्षा लेते वक्त होता है. कई बार फैकल्टी स्तरीय भी नहीं होती और आपको भी कोर्स चुनते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि पढ़ाई फैकल्टी से होती है टेक्नोलॉजी से नहीं.
इस प्रकार आप देख सकते हैं कि डिस्टेंस लर्निंग के फायदे भी हैं और नुकसान भी. अब आप अपनी स्थिति के अनुसार निर्णय ले सकते हैं.
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