संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तरफ से सिविल सेवा एग्जाम 2022 में कथित धोखाधड़ी करने वाली प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा मनोरामा दिलीप खेडकर की नियुक्ति रद्द कर दी है और उन्हें आयोग की भविष्य की सभी परीक्षाओं से प्रतिबंधित कर दिया है.


संघ लोक सेवा आयोग की तरफ से 18 जुलाई को खेडकर को एक शो कॉज नोटिस जारी किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने परीक्षा नियमों के तहत अनुमत सीमा से अधिक प्रयास करने के लिए अपनी पहचान बदलकर धोखाधड़ी की है. उन्हें 25 जुलाई तक जवाब देने का समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे 4 अगस्त तक बढ़ाने का अनुरोध किया.


दिया था 30 जुलाई तक का समय


UPSC ने उनकी याचिका पर विचार किया और उन्हें जवाब देने के लिए 30 जुलाई दोपहर 3:30 बजे तक का समय दिया था. संघ लोक सेवा आयोग ने स्पष्ट किया कि यह अंतिम मौका है और आगे कोई समय नहीं बढ़ाया जाएगा. निर्धारित समय के भीतर जवाब न मिलने पर UPSC बिना किसी सूचना के कार्रवाई करेगी. लेकिन खेडकर जवाब देने में नाकाम रहीं. UPSC ने जांच के बाद पाया कि खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नियमों का उल्लंघन किया है. उनकी नियुक्ति रद्द कर दी गई है और उन्हें भविष्य की सभी UPSC परीक्षाओं से प्रतिबंधित कर दिया गया है.


उम्मीदवारों के आंकड़ों की जांच


UPSC ने 2009 से 2023 तक के 15,000 से अधिक सफल उम्मीदवारों के आंकड़ों की जांच की. इसमें पाया गया कि खेडकर के अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने नियमों से अधिक प्रयास नहीं किए. UPSC का कहना है कि खेडकर ने अपना नाम और माता-पिता का नाम बदल दिया था जिससे प्रक्रिया में चूक हुई. आयोग इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अपनी प्रक्रिया को मजबूत कर रहा है. अन्य शिकायतों के जवाब में आयोग ने कहा कि वह केवल प्रारंभिक जांच करता है कि प्रमाण पत्र अधिकारी ने जारी किया गया है या नहीं, उसकी तारीख और फॉर्मेट सही है या नहीं. प्रमाण पत्रों की वास्तविकता की जांच करना आयोग का काम नहीं है. यह संबंधित अधिकारियों का काम है.


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