Do You Know The Punishment For Killing A Dog In India : पशुओं के साथ क्रूरता के मामले आए दिन हमारे सामने आते हैं. वह चाहे सड़क पर रहने वाले जानवर हो या फिर पालतू पशु सभी को क्रूरता झेलनी पड़ती है. सबसे ज्यादा शहरी क्षेत्रों में कुत्ते को क्रूरता झेलनी पड़ती है. पशुओं के प्रति क्रूरता को लेकर सख्त कानून है लेकिन लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं होता है और अनजाने में वह ऐसी गलती कर बैठते हैं और उन्हें बाद में सजा भुगतनी पड़ती है.


कई लोग गली मोहल्ले, नुक्कड़ पर आवारा कुत्तों के झुंड से परेशान होकर उनके साथ क्रूर व्यवहार करते हैं और कुल मामलों में ऐसे लोगों पर केस दर्ज हो जाते है. युवाओं के ऊपर ऐसा केस दर्ज होने से उन्हें सरकारी नौकरी आदि कई चीजों से हाथ धोनी पड़ जाती है. 


पाड़े, घोड़े, खच्चर, ऊंट, बैल, गधे जैसे जानवरों का इस्तेमाल माल की ढुलाई के लिए किया जाता है और अक्सर ही उनके साथ बहुत ज्यादा क्रूरता होती है. पशुओं की तकलीफों को लेकर लोग बेखबर तो है ही इसको लेकर जो सजा हो सकती है उसे लेकर भी लोग बिल्कुल जागरूक नहीं है. 


ऐसी ही कुछ दिन पहले पूर्वी दिल्ली स्थित मयूर विहार इलाके में एक सोसाइटी के कई निवासियों ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज की उनके इलाके में चार आवारा कुत्तों की मौत जहर खाने से हो गई है. पुलिस अभी जांच कर रही है. इस मामले पर हमने वरिष्ठ वकील आदित्य काला से बातचीत की और उनके अनुसार आइए जानते हैं पालतू और आवारा जानवरों के साथ क्रूरता को लेकर हमारे कानून में क्या प्रवाधान है. 


मालिकाना कुत्तों के लिए प्रवाधान 
आईपीसी की धारा 428, 429 और पीसीए एक्ट की धारा 11 के तहत अगर किसी भी जानवर का कोई मालिक है . यह धारा 428 और 429 के अंतर्गत आता है .



  • धारा 428 : पशुओं को मारना और जहर देना या उसे अपाहिज करने पर दो साल की कैद या दंड तथा दोनों दिया जा सकता है.

  • धारा 429 : पशुओं को मार डालने, जहर देना या अपाहिज कर देने पर पांच साल की सजा या दंड या फिर दोनों दिया जा सकता है.

  • भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और धारा 429 के तहत किसी जानवर को मारना, जहर देना, अपंग करना या प्रताड़ित करना एक संज्ञेय अपराध है. इस तरह के कृत्य के लिए कठोर कारावास की सजा है जिसके लिए 2 साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है.


आवार कुत्तों के लिए प्रावधान 



  • आगर कुत्ता आवारा है और कोई शिकायत करता है तो पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 (पीसीए एक्ट, The Prevention of Cruelty to Animals Act, 1960) के तहत पशुओं के साथ क्रूरता किए जाने पर 10 रुपए से लेकर 50 रुपए तक जुर्माना या फिर तीन महीने की सजा का प्रावधान है.

  • धारा 11 के अनुसार, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 कहता है कि किसी जानवर को छोड़ना, उसे ऐसी स्थिति में छोड़ना कि उसे भूख या प्यास के कारण दर्द होता है, एक दंडनीय अपराध है.

  • यदि कोई मालिक अपने पालतू जानवरों को पर्याप्त भोजन, पेय या आश्रय प्रदान करने में विफल रहता है, तो वह पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 (1) (एच) के अनुसार दंड के लिए उत्तरदायी होगा, एक दंडनीय अपराध है.

  • किसी भी जानवर को भारी जंजीर या डोरी से लंबे समय तक जंजीर में बांधकर रखना या बांधना जानवर के साथ क्रूरता की श्रेणी में आता है और इसके लिए जुर्माने या 3 महीने तक की कैद या दोनों की सजा हो सकती है. 


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