पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को वाइस चांसलर की एक समिति का गठन किया, ताकि परीक्षा सुधार और पाठ्यचर्या की समीक्षा की जा सके. गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में समिति 60 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. समिति नए पाठ्यक्रमों और डिजिटल शिक्षा की शुरूआत पर भी ध्यान देगी.


राज्य के एजुकेशन सिस्टम को दुनिया के सामने लाया जाए-सीएम
एजुकेशन में ग्लोबल ट्रांसफॉर्मेशन के साथ बने रहने की जरूरत को समझते हुए, मुख्यमंत्री ने समिति को राज्य के एजुकेशन सिस्टम को दुनिया के सामने लाने की योजना भी तैयार की. सीएम ने ये भी कहा कि,नए और रेलिवेंट कोर्सेस की पहचान यह सुनिश्चित करने के लिए की जानी चाहिए कि छात्र वैश्विक शिक्षा में हो रहे बदलावों के अनुरूप हैं. मुख्यमंत्री ने आगे ये भी कहा कि राज्य में नए कॉलेजों को 2021-22 शैक्षणिक सत्र से कक्षाएं शुरू करनी चाहिए.



मुख्यमंत्री ने राज्य के उच्च शिक्षा सचिव को सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के 931 पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश भी दिया.


राज्य के तीन विश्वविद्यालयों से एफिलिएटिड सभी कॉलेज करेंगे मदद
विभाग द्वारा की गई महत्वपूर्ण पहलों को सूचीबद्ध करते हुए, उच्च शिक्षा सचिव वीके मीणा ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि राज्य के तीन विश्वविद्यालयों से एफिलिएटिड सभी कॉलेज- पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़, पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला और गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के ऑनलाइन एडमिशन पोर्टल सत्र 2021-22 के लिए विभाग के कामकाज को सुव्यवस्थित करने में मदद करेंगे.


बैठक में विभाग द्वारा हाल ही में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों पर भी गौर किया गया, जिसमें रिसर्च, इनोवेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट और एंटरप्रन्योरशिप उद्देश्य के लिए राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत जीएनडीयू, अमृतसर को 100 करोड़ रुपये और पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला को 50 करोड़ रुपये दिए गए हैं.


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