Rajasthan School Reopening : राजस्थान में 50% क्षमता के साथ 1 सितंबर से खुल जाएंगे 9वीं से 12वीं कक्षा के स्कूल, ये हैं शर्तें
कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों में गिरावट को देखते हुए राजस्थान में 1 सितंबर से 50% क्षमता के साथ 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोल दिए जाएंगे. इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य किया गया है.
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Rajasthan School Reopening: कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार गिरावट को देखते हुए तमाम राज्यों में स्कूल-कॉलेज फिर से खुलने शुरू हो गए हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को राजस्थान सरकार द्वारा जारी की गई एक अधिसूचना के अनुसार राज्य में 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के लिए स्कूल, विश्वविद्यालय, कॉलेज और कोचिंग इंस्टीट्टयूट्स को 1 सितंबर से खोल दिया जाएगा. हालांकि, कोविड-19 प्रोटोकॉल को बनाए रखने के लिए हर सेशन में केवल 50 प्रतिशत छात्रों को कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी.
वहीं कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए फिलहाल केवल ऑनलाइन मोड में कक्षाएं संचालित की जाएंगी. अधिसूचना के अनुसार, राजस्थान में कक्षा 9 से 12 तक के सभी सरकारी और निजी स्कूल, विश्वविद्यालय, कॉलेज और कोचिंग संस्थान 1 सितंबर से फिर से खुलेंगे. स्कूल खोलने के संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्वीटर हैंडल से भी जानकारी दी है.
छात्रों को दिखानी होगी अभिभावकों की लिखित सहमति
अधिसूचना में ये भी कहा गया है कि रेग्यूलर क्लासेज में उपस्थित होने वाले छात्रों को माता-पिता/अभिभावकों से लिखित सहमति प्रस्तुत करनी होगी और किसी भी छात्र को ऑफ़लाइन कक्षा में उपस्थित होने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. अधिसूचना में कहा गया है कि नियमित कक्षाओं में शामिल नहीं होने वालों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की सुविधा भी जारी रहेगी.
इसके साथ ही स्कूलों में मॉर्निंग असेंबली की अनुमति नहीं होगी और सोशल डिस्टेंसिंग और हायजीन बनाए रखने के लिए कोविड -19 से संबंधित अन्य सभी गाइडलाइन्स का पालन करना अनिवार्य है. छात्रों को कोविड-19 की जांच के बाद ही स्कूल-कॉलेज परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी.
सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का वैक्सीनेशन पूरा होना चाहिए
गौरतलब है कि इस साल अप्रैल में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के घातक परिणाम को देखते हुए शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए थे. गृह विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोचिंग संस्थानों के सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को पूरी तरह से टीका लगाया जाना चाहिए (कोविड -19 वैक्सीन की दोनों खुराक पूरी की). वहीं स्कूल/कॉलेजों/विश्वविद्यालयों के ड्राइवर्स को टीके की कम से कम पहली खुराक मिलनी चाहिए.
बता दे कि राज्य सरकार ने स्कूलों को फिर से खोलने के बारे में चर्चा करने के लिए एक मंत्रिस्तरीय समिति का गठन किया था. समिति ने हाल ही में सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी जिसके बाद 1 सितंबर से 9 से 12वीं तक के स्कूल, कॉलेज-विश्वविद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थान खोलने संबंधी निर्णय लिया गया है.
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