भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना आजादी से पहले 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी. इससे पहले भारत सरकार ही मुद्रा यानी नोट और सिक्के जारी करती थी. अगस्त 1940 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सरकार ने अपने स्तर से 1 रुपये का सिक्का जारी किया था. तब से लेकर आज तक यह प्रचलन बरकरार है.
जारी करने का हक RBI का
भारतीय रिजर्व बैंक अधीनियम की धारा 22 के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त सभी बैंक नोट को जारी करने का एकल अधिकार RBI के पास है. वहीं धारा 24 के अनुसार आरबीआई दो रुपये, पांच रुपये, दस रुपये, बीस रुपये, पचास रुपये, सौ रुपये, पांच सौ रुपये, एक हजार रुपये, पांच हजार रुपये, दस हजार रुपये या उसे अधिक मूल्य के नोट जारी कर सकता है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि धारा 22 या 24 में कहीं भी स्पष्ट रूप ये 1 रुपये जारी करने का अधिकार रिजर्व बैंक को नहीं है. इसलिए प्रचलन को कायम रखते हुए केंद्र सरकार आज भी अपने स्तर से 1 रुपये का नोट जारी करती है.
भारत सरकार की ओर से कौन जारी करता है 1 रुपया?
1 रुपये का नोट और सिक्का केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है. अन्य नोटों के विपरीत 1 रुपये के नोट पर आरबीआई गवर्नर की जगह वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते हैं.
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