नई दिल्ली: संसाधनों के अभाव में किसी भी बच्चे के लिए पढ़ना-लिखना काफी मुश्किल होता है, लेकिन मन में लगन हो तो सफलता जरूर मिलती है. इस बात को सच कर दिखाया है मध्य प्रदेश के सागर के आयुष्मान ताम्रकार नामक छात्र ने, जिसने एमपी बोर्ड में कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में टॉप किया है. उसकी एक जुड़वा बहन आयुषी भी 10वीं की परीक्षा में 92 फीसदी अंकों से पास हुई है.


आयुष्मान के पिता एक मैरिज गार्डन में चौकीदारी का काम करते हैं. वहीं, मां बरखा मजदूरी करती है. जब आयुष्मान के टॉपर बनने की खबर मिली तो पिता विमल अपनी ड्यूटी कर रहे थे. उन्होंने बताया कि जिस मैरिज गार्डन में वह चौकीदारी का काम करते हैं वहां उस वक्त शादी थी इसलिए वह छुट्टी नही ले सकते थे. वह अपने बेटे को आगे भी पढ़ाना चाहते हैं और उसके आगे की पढ़ाई के लिए मकान तक बेचने को तैयार हैं.


आयुष्मान की मां बरखा ने कहा कि आगे की पढ़ाई कैसे होगी बड़ा कठिन है. घर खर्च बड़ी मुश्किल में चलता है. आयष्मान भी कामकाज करता है. दुसरो की दुकान बैठकर अपना खर्च निकालता था. आयुष्मान की मां बेटे को इंजीनियर बनाना चाहती है.


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