बिहार बोर्ड 12वीं परीक्षा प्रणाली सत्र 2020-21 से होगा लागू
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि उत्तीर्णता के फार्मूले में व्यापक बदलाव किया गया है. नई परीक्षा प्रणाली उन विद्यार्थियों के लिए लागू की गई है जो वर्ष 2019 में इंटरमीडिएट में प्रवेश लिए थे और वे 2021 की इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगें. इसका लाभ उन्हें मिलेगा.
बिहार बोर्ड 12वीं परीक्षा में क्या हुआ है बदलाव
ज्ञात है कि बिहार बोर्ड में इंटरमीडिएट के स्टूडेंट्स को 5 विषय अनिवार्य रूप से लेना होता है. जब वह किसी विषय में फेल हो जाता है तो उसके द्वारा छठे विषय के रूप में लिए गए अतिरिक्त विषय के अंक से परिवर्तित कर दिया जायेगा और अतिरिक्त विषय का अंक अनिवार्य विषय में शामिल हो जायेगा. लेकिन परीक्षार्थी को पांच विषयों में एक भाषा के किसी विषय में अनिवार्य रूप से पास होना होगा. चाहे वह हिंदी हो या अंग्रेजी. अब छात्र-छात्राएं भाषा विषय को अतिरिक्त विषयों के रूप में रख सकते हैं.
पहले साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स अतिरिक्त विषय के रूप में गणित मल्टीमीडिया और कंप्यूटर साइंस को रखते थे. अब वे भाषा विषय को अतिरिक्त विषय के रूप में रख सकते है.
बिहार बोर्ड 12 वीं परीक्षा 2020: विषय
अनिवार्य भाषा विषय : 1
हिन्दी अथवा अंग्रेजी
भाषा विषय : 2
हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, मैथिली, संस्कृत, मगही, भोजपुरी, अरबी, पर्सियन, पाली, बंगला में से कोई एक
अतिरिक्त विषय : 1
भाषा भाग दो के विषयों में से एक, जो अनिवार्य भाषा में नहीं लिया गया हो.
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