Bihar Board 10th Result 2020: बिहार बोर्ड 10वीं के रिजल्ट का सभी स्टूडेंट्स काफी लम्बे समय से इंतजार कर रहें हैं, परन्तु अभी तक रिजल्ट जारी नहीं किये गए हैं. इसमें देरी होने के कारणों में टॉपर्स का दोबारा टेस्ट तथा उनका फिजिकल वेरीफिकेशन कराना भी एक कारण है.


बिहार बोर्ड देश का एकमात्र और पहला ऐसा स्कूल परीक्षा बोर्ड है जो टॉपरों का दोबारा टेस्ट और इंटरव्यू लेता है. अर्थात टॉपर्स को परीक्षा के बाद भी दूसरी परीक्षा से गुजरना पड़ता है. उसके बाद बोर्ड रिजल्ट की घोषणा करता है.


बिहार बोर्ड 10वीं का रिजल्ट आज कुछ ही देरी में घोषित किया जा सकता है. इसके पहले टॉपर्स के कॉपियों की दोबारा जांच और उनके इंटरव्यू (फिजिकल वेरीफिकेशन) की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है. इस बार टॉपर्स का फिजिकल वेरीफिकेशन वीडियों कांफ्रेंसिंग के द्वारा किया गया है.


कदाचार और भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुका था, बिहार बोर्ड


इसके पहले गत वर्षों में तो बिहार बोर्ड कदाचार और भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुका था. वर्ष 2016 और 2017 के रिजल्ट घोषित होने के बाद आये टॉपर्स घोटाले ने तो बिहार बोर्ड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम कर दिया.


वर्ष 2016 की टॉपर्स रूबी रॉय ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उसके द्वारा परीक्षा में लिये गए विषयों में एक विषय प्रोडिकल साइंस' (पॉलिटिकल साइंस) था. रूबी रॉय ने बताया कि इस विषय में खाना बनाने की शिक्षा दी जाती है. वहीँ साइंस के टॉपर सौरभ श्रेष्ठ को इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन के बारे में कोई जानकरी नहीं थी. टॉपर्स के इस ज्ञान से तो टॉपरों पर सवालिया निशान उठने स्वाभाविक ही थे. वर्ष 2017 के आर्ट्स के टॉपर गणेश कुमार संगीत विषय से टॉप किया था. उन्हें संगीत का बेसिक ज्ञान भी नहीं था. यही नहीं गणेश कुमार ने तो बिहार बोर्ड 12वीं की परीक्षा में शामिल होने के लिए अपनी उम्र भी छिपाई थी.


जांच में खुली भ्रष्टाचार की कई परतें और सामने आई बड़ी मछलियां


जब इन मामलों ने तूल पकड़ा तो इस भ्रष्टाचार की जांच शुरू हुई. जांच में भ्रष्टाचार की परत दर परत खुलती गई. इसमें बिहार बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्‍वर प्रसाद सहित कई बड़ी हस्तियां पकड़ में आई.


सुधार में उठाये गए कई कदम, शुरू हुआ टॉपर्स का वेरीफिकेशन


इसके बाद राज्य की नीतीश कुमार सरकार इसमें सुधार के लिए कई कड़े कदम उठाए. इसी में से एक कदम टॉपर्स के वेरीफिकेशन की प्रक्रिया भी है. इस प्रक्रिया के तहत अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट बनाई जाती है. मेरिट लिस्ट में टॉपर्स की कापियों की दोबारा जाँच एक विशेषज्ञ कमेटी करती है. उसके बाद टॉपरों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है. इन टॉपरों का इंटरव्यू एक्सपर्ट कमेटी लेती है और यह इस बात की जांच करती है कि परीक्षार्थी टॉप करने की योग्यता रखता है.


इस बार टॉपर्स का इंटरव्यू हुआ वीडियों कॉलिंग के माध्यम से


इस वर्ष देश में लॉकडाउन होने कारण बिहार बोर्ड के 10वीं के टॉपर्स का इंटरव्यू वीडियो कालिंग के माध्यम से लिया गया है. क्योंकि लॉकडाउन में विभिन्न स्थानों से टॉपर्स को बुलाना संभव नहीं था.


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