UP Board 10 th, 12th Result 2020: 27 जून दिन शनिवार समय 12 बजकर 30 मिनट. यह वह समय है जब उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् (यूपीएमएसपी) साल 2020 की बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट जारी करने जा रहा है. जहाँ छात्रों के भीतर बोर्ड परीक्षा के जारी होने की ख़ुशी हैं वहीँ सभी के भीतर हिंदी विषय में छात्रों की परफॉरमेंस को लेकर बार-बार एक प्रश्न भी उठ रहा है. वह यह है कि क्या इस बार हिंदी विषय में छात्रों के  परफॉरमेंस में सुधार होगा या पिछले दो सालों की तरह ही इस बार भी काफी छात्र हिंदी में ही फेल हो जाएँगे. यह प्रश्न इसलिए भी अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि देश के हिंदी भाषी प्रदेशों में से उत्तर प्रदेश एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रदेश है और उसी प्रदेश के अधिकांश छात्र हिंदी में ही फेल हो जाते हैं.


पिछले दो सालों का डाटा


पिछले दो सालों की बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट पर अगर नजर डालें तो इस प्रकार की तस्वीर हमें दिखाई देती है.


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साल 2018 में हिंदी विषय के परफॉरमेंस पर एनालेटिकल नजर  


हिंदी विषय में कुल फेल छात्रों के बारे में यदि यूपी बोर्ड की 2018 के रिजल्ट को देखें तो यह जानकारी मिलती है कि इस साल की यूपी बोर्ड परीक्षा में 10वीं कक्षा के लगभग 30 लाख 28 हजार 767 छात्र परीक्षा में बैठे थे जिसमें लगभग 07 लाख 80 हजार 582 छात्र यानी कि 25% छात्र तो हिंदी में ही फेल हो गए. वहीँ 12वीं कक्षा में भी लगभग 26 लाख 04 हजार 93 छात्र परीक्षा में बैठे थे जिसमें लगभग 03 लाख 38 हजार 776 छात्र यानी कि 13% छात्र हिंदी में फेल हुए.


साल 2019 में हिंदी विषय के परफॉरमेंस पर एनालेटिकल नजर  


इसी तरह से यूपी बोर्ड की 2019 की परीक्षा के रिजल्ट पर नजर डालें तो हमें यह जानकारी मिलती है कि इस साल की यूपी बोर्ड परीक्षा में 10वीं कक्षा के लगभग 30 लाख छात्रों में से 05 लाख 74 हजार यानी कि 19% छात्र तो हिंदी में ही फेल हो गए. वहीँ 12वीं कक्षा के लगभग 25 लाख छात्रों में से भी लगभग 04 लाख 23 हजार छात्र हिंदी में फेल हुए.


किसी विषय में पास होने का मिनिमम मार्क्स-


यूपीएमएसपी के अनुसार किसी भी सब्जेक्ट में पास होने के लिए छात्र को मिनिमम 35% मार्क्स जरूरी होता है.




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